चारो बांधों पर सौर ऊर्जा चलित सिस्टम
राज्य सरकार की ओर से जिले के रेण का नाका बांध, बाडी मानसरोवर बांध, भावलिया बांध और सांकेड़ा बांध के जल तंत्र के विकास एवं सुदृढ़ीकरण के लिए कार्य करवाए जा रहे हैं। इन चारों बांधों से सौर ऊर्जा आधारित फव्वारा पद्धति से सिंचाई के लिए खेतों तक पानी पहुंचाया जाएगा। इसमें दो छोटे बांधों का निर्माण भी करवाया गया है। खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए पम्पिंग स्टेशन, पाइप लाइन बिछाने, सौर ऊर्जा संयत्र लगाने सहित कई कार्य करवाए जा रहे हैं। उक्त चारों कार्यो को पूरा करने की तय सीमा भी निकल गई है। लेकिन ठेकेदारों की लेटलतीफी और खेतों में खड़ी फसलों के कारण काम पूरा नहीं हो पाया है। विभाग की ओर से 70 से 80 प्रतिशत तक काम पूरा होने का दावा किया जा रहा है। ऐसे अब अगले साल 2026 में ही इन बांधों से सिंचाई के लिए खेतों तक पानी पहुंचने की उम्मीद की जा रही है।
ठेकेदारों पर लगाई शास्ती
जिले में चार बांधों से जल तंत्र के विकास एवं सुदृढ़ीकरण कार्य के तहत सौर ऊर्जा आधारित फव्वारा पद्धति से सिंचाई के लिए खेतों तक पानी पहुंचाने का कार्य करवाए जा रहे हैं। अधिकांश जगह 70 से 80 फीसदी काम पूरा हुआ है। काम में लेटलतीफी के चलते चारों ठेकेदारों पर 2,20,74,782 की शास्ती लगाई गई है। अगले साल तक पानी पहुंचने की उम्मीद है।राजकुमार शर्मा, एक्सईएन सिंचाई विभाग चित्तौड़गढ़
यह होगा फायदा
● 25-30 प्रतिशत पानी की बचत होगी● सोलर से चलने के कारण बिजली की बचत
● पानी की सप्लाई का समय निर्धारित होगा
इन बांधों पर चल रहा काम
रेण का नाका : जिले के कनेरा के पास रेण का नाका बांध एवं सोलर आधारित सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली का निर्माण करवाया जा रहा है। इस पर 75.57 करोड़ खर्च होंगे।बाड़ी मानसरोवर : निम्बाहेड़ा स्थित बाड़ी मानसरोवर बांध निर्माण एवं खेतों तक सिंचाई के लिए पानी पहुंचाने के लिए 24 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए थे।
भावलिया बांध : निम्बाहेड़ा स्थित भावलिया बांध से जल तंत्र के विकास एवं सुदृढ़ीकरण के लिए कार्य करवाने के लिए 6.50 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए। विभाग का दावा है कि यहां पर 90 प्रतिशत काम पूरा हो गया है।
सांकेड़ा बांध : उदपुरा गांव स्थित सांकेड़ा बांध से सोलर आधारित सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली का निर्माण कार्य पर 10.88 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसमें से 2.65 करोड़ रुपए सिर्फ सोलर आधारित सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली पर खर्च होंगे। उक्त कार्य दिसम्बर 2024 तक पूरा करना था। लेकिन अभी तक 75 प्रतिशत काम पूरा हो पाया है।
