scriptराजस्थान के इस जिले में 4 बांधों का खेतों में पहुंचेगा पानी, 117 करोड़ लागत से हो रहे काम, जानें सच्चाई | In this district of Rajasthan, water will reach the fields from 4 dams, work is being done at a cost of Rs 117 crore, know the truth | Patrika News
चित्तौड़गढ़

राजस्थान के इस जिले में 4 बांधों का खेतों में पहुंचेगा पानी, 117 करोड़ लागत से हो रहे काम, जानें सच्चाई

राजस्थान के चित्तौड़गढ़़ जिले के चार बांधों से खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए करीब 117 करोड़ के निर्माण कार्य जारी है। इसके तहत पाइप लाइन बिछाने, पानी स्टोरेज करने और सौर ऊर्जा प्लांट आदि लगाए जा रहे हैं।

चित्तौड़गढ़Aug 16, 2025 / 09:40 am

anand yadav

राजस्थान के चित्तौड़गढ़़ जिले के चार बांधों से खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए करीब 117 करोड़ के निर्माण कार्य जारी है। इसके तहत पाइप लाइन बिछाने, पानी स्टोरेज करने और सौर ऊर्जा प्लांट आदि लगाए जा रहे हैं। चारों काम अब तक पूरे होने में देरी के चलते सिंचाई विभाग ने संबंधित ठेकेदारों पर 2.20 करोड़ की शास्ती लगाई है।

चारो बांधों पर सौर ऊर्जा चलित सिस्टम

राज्य सरकार की ओर से जिले के रेण का नाका बांध, बाडी मानसरोवर बांध, भावलिया बांध और सांकेड़ा बांध के जल तंत्र के विकास एवं सुदृढ़ीकरण के लिए कार्य करवाए जा रहे हैं। इन चारों बांधों से सौर ऊर्जा आधारित फव्वारा पद्धति से सिंचाई के लिए खेतों तक पानी पहुंचाया जाएगा। इसमें दो छोटे बांधों का निर्माण भी करवाया गया है। खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए पम्पिंग स्टेशन, पाइप लाइन बिछाने, सौर ऊर्जा संयत्र लगाने सहित कई कार्य करवाए जा रहे हैं। उक्त चारों कार्यो को पूरा करने की तय सीमा भी निकल गई है। लेकिन ठेकेदारों की लेटलतीफी और खेतों में खड़ी फसलों के कारण काम पूरा नहीं हो पाया है। विभाग की ओर से 70 से 80 प्रतिशत तक काम पूरा होने का दावा किया जा रहा है। ऐसे अब अगले साल 2026 में ही इन बांधों से सिंचाई के लिए खेतों तक पानी पहुंचने की उम्मीद की जा रही है।
बांधों से खेतों तक पहुंचेगा पानी, पत्रिका फोटो

ठेकेदारों पर लगाई शास्ती

जिले में चार बांधों से जल तंत्र के विकास एवं सुदृढ़ीकरण कार्य के तहत सौर ऊर्जा आधारित फव्वारा पद्धति से सिंचाई के लिए खेतों तक पानी पहुंचाने का कार्य करवाए जा रहे हैं। अधिकांश जगह 70 से 80 फीसदी काम पूरा हुआ है। काम में लेटलतीफी के चलते चारों ठेकेदारों पर 2,20,74,782 की शास्ती लगाई गई है। अगले साल तक पानी पहुंचने की उम्मीद है।
राजकुमार शर्मा, एक्सईएन सिंचाई विभाग चित्तौड़गढ़

यह होगा फायदा

● 25-30 प्रतिशत पानी की बचत होगी
● सोलर से चलने के कारण बिजली की बचत
● पानी की सप्लाई का समय निर्धारित होगा

इन बांधों पर चल रहा काम

रेण का नाका : जिले के कनेरा के पास रेण का नाका बांध एवं सोलर आधारित सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली का निर्माण करवाया जा रहा है। इस पर 75.57 करोड़ खर्च होंगे।
बाड़ी मानसरोवर : निम्बाहेड़ा स्थित बाड़ी मानसरोवर बांध निर्माण एवं खेतों तक सिंचाई के लिए पानी पहुंचाने के लिए 24 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए थे।
भावलिया बांध : निम्बाहेड़ा स्थित भावलिया बांध से जल तंत्र के विकास एवं सुदृढ़ीकरण के लिए कार्य करवाने के लिए 6.50 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए। विभाग का दावा है कि यहां पर 90 प्रतिशत काम पूरा हो गया है।
सांकेड़ा बांध : उदपुरा गांव स्थित सांकेड़ा बांध से सोलर आधारित सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली का निर्माण कार्य पर 10.88 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसमें से 2.65 करोड़ रुपए सिर्फ सोलर आधारित सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली पर खर्च होंगे। उक्त कार्य दिसम्बर 2024 तक पूरा करना था। लेकिन अभी तक 75 प्रतिशत काम पूरा हो पाया है।
बांधों पर सौर ऊर्जा चलित सिस्टम से चलेंगे पंप, पत्रिका फोटो

पांच साल तक करना होगा संचालन

ठेकेदार की ओर से काश्तकार के खेत के मुहाने तक पाइप लाइन पहुंचाकर वॉल लगाया जाएगा। काश्तकार वहां से पाइप लगाकर फव्वारा पद्धति अथवा अन्य माध्यम से फसलों की सिंचाई करेंगे। उक्त कार्य करने वाले ठेकेदार को पांच साल तक सिस्टम को चलाना होगा। इससे खेत में पानी नहीं पहुंचने पर ठेकेदार की जिम्मेदारी होगी।

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