इडी-सीबीआइ की तर्ज पर फोरेंसिक ऑडिट
पुलिस ने आरोपित व उसके परिजनों के नाम से खरीदी गई चल-अचल संपतियों की दस-दस साल के आयकर रिर्टन, राजस्व रिकॉर्ड, फसल गिरदावरी, जमाबंदी की नकल व रजिस्ट्रियों को विधिक रूप से प्राप्त कर इनकी विशेषज्ञ से फोरेंसिक ऑडिट व फ्रॉड डिटेक्शन करवाया है। चित्तौडगढ़़ के निवर्तमान पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी ने बताया कि जांच में पाया गया है कि आरोपित बालमुकुंद व उसके परिजनों की जितनी लीगल आय नहीं है, उससे कई ज्यादा कीमत के तो उसके पास चार पहिया वाहन ही है।
अन्य एजेंसियां भी हुई सक्रिय
आरोपित की ओर से काली कमाई के जरिए अर्जित की गई करोड़ों संपतियों का ब्यौरा इडी व आयकर विभाग को भी भेजा गया है। इस मामले में कई एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं। मनी लॉड्रिंग (फेमा) को लेकर भी जांच की तैयारी होने की बात सामने आ रही है।
फॉरेंसिक ऑडिट में यह हुआ खुलासा
आरोपित की संपतियों और आयकर रिर्टन की फॉरेंसिक ऑडिट में खलासा हुआ कि बालमुकुंद इनानी ने दुबई में लीव बैंक और मशरेक बैंक में खाते खोल रखे हैं। वित्तीय वर्ष 2013-14 से 2023-24 तक की उसके आयकर रिटर्न की गहन समीक्षा से पता चला है कि भारतीय आयकर अधिनियम द्वारा अनिवार्य विदेशी संपति अनुसूची के तहत इन अपतटीय बैंक खातों का कोई खुलासा नहीं किया गया है। इसके अलावा आरोपित ने इन विदेशी बैंक खातों से संबंधित खाता विवरण, लेनदेन विवरण या कोई सहायक दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए। जो विदेशी आय, संपत्ति के जानबूझकर दमन का कार्य होकर संभवत: अपतटीय संरचनाओं के माध्यम से अवैध धन जमा करने या कर चोरी का संकेत देता है।आयकर अधिनियम 1961 की धारा 139(1) के साथ अनुसूची, जो करदाताओं द्वारा विदेशी बैंक खातों और संपत्तियों का पूर्ण खुलासा अनिवार्य करता है। काला धन, अघोषित विदेशी आय, संपत्ति और कर अधिनियम 2015 की धारा 50 के तहत अपतटीय बैंक खातों का खुलासा नहीं करने पर कठोर दंड और अभियोजन लागू होता है। विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा)1999 का संभावित उल्लंघन यदि ऐसे खाते रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से बिना अनुमोदन के संचालित या रखे गए हों या अनुमेय सीमाओं के उल्लंघन में हो। दुबई में अघोषित विदेशी खातों की मौजूदगी संभवत: अवैध आय का विदेश में मनी लॉन्ड्रिंग या प्रेषण ऑनलाइन सट्टेबाजी, हवाला या नकद लेनदेन से आय प्राप्त करने का प्रयास करने की ओर इशारा करती है।