पुलिस की त्वरित कार्रवाई
धमकी की सूचना मिलते ही नागपुर पुलिस ने गडकरी के दोनों आवासों वर्धा रोड और महल इलाके की गहन तलाशी शुरू की। बम निरोधक दस्ता (BDS) को सक्रिय किया गया और पूरे क्षेत्र में सघन जांच की गई। जोन 1 के पुलिस उपायुक्त (DCP) ऋषिकेश रेड्डी ने बताया कि तलाशी के दौरान कोई विस्फोटक या संदिग्ध सामग्री नहीं मिली, जिससे धमकी को प्रथम दृष्टया फर्जी माना गया।
आरोपी को किया गिरफ्तार
पुलिस ने कॉल की जांच शुरू की और कुछ ही घंटों में आरोपी की पहचान उमेश विष्णु राउत के रूप में की गई। राउत, जो तुलसी बाग रोड, महल का निवासी है और मेडिकल चौक पर एक देसी शराब की दुकान पर काम करता है, को बीमा दवाखाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने उसके खिलाफ मामला दर्ज कर पूछताछ शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में धमकी के पीछे का मकसद स्पष्ट नहीं हुआ है, लेकिन पुलिस सभी पहलुओं की गहन जांच कर रही है।
सुरक्षा बढ़ाई गई
एहतियात के तौर पर गडकरी के दोनों आवासों पर सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया गया है। गडकरी उस समय नागपुर में ही मौजूद थे, लेकिन वह पूरी तरह सुरक्षित हैं। पुलिस ने पुष्टि की कि स्थिति नियंत्रण में है, और नागरिकों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की गई है।
पहले भी मिल चुकी हैं धमकियां
यह पहली बार नहीं है जब नितिन गडकरी को धमकी मिली हो। वर्ष 2023 में भी उनके नागपुर और दिल्ली स्थित कार्यालयों और आवासों पर कई बार धमकी भरे कॉल आए थे। उन मामलों में कर्नाटक की बेलगावी जेल में बंद जयेश पुजारी उर्फ कांथा को आरोपी पाया गया था, जिसके खिलाफ यूएपीए के तहत कार्रवाई की गई थी।
चुनौती बनी फर्जी धमकियां
हाल के वर्षों में देश में कई हाई-प्रोफाइल नेताओं, स्कूलों और सार्वजनिक स्थानों को फर्जी बम धमकियां मिलने की घटनाएं बढ़ी हैं। दिल्ली में स्कूलों को मिली धमकियों के मामले में भी कुछ छात्रों की संलिप्तता सामने आई थी। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी धमकियां सामाजिक अशांति फैलाने और सुरक्षा एजेंसियों पर दबाव बनाने का प्रयास हो सकती हैं।