जिले में पिछले दो दिनों में इफको एवं आईपीएल कंपनी की 4100 मीट्रिक टन यूरिया प्राप्त होने से राहत का माहौल रहा। प्रशासन और कृषि विभाग ने फसल के डोज के लिए कृषि अधिकारियों ने ड्यूटी लगा रखी थी। सुबह अखबार में जानकारी पढ़ते ही किसान निजी दुकानों और मार्कफेड सोसाइटी की ओर चल पड़े। कुछ कल रात से ही डेरा डाले थे। सोसाइटी खुलते ही किसान कतार लगाकर टोकन लेने खड़े हो गए। यही हाल निजी दुकानों का भी रहा।
उपसंचालक कृषि जितेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि अगले दो दिन में दो और रेलवे रैक ब्रह्मपुत्र एवं चम्बल कंपनी की यूरिया आ जाने से तीन हज़ार मीट्रिक टन यूरिया और उपलब्ध हो जाएगा । इससे किसानों को काफी कुछ राहत मिल जाएगी।
सुबह से लाइन लगाकर खड़े किसान
इस समय माकेर्टिंग सोसाइटी के वितरण केन्द्र में हम और दूसरे किसान आए। जितनी खाद मिलनी चाहिए थी, उतनी नहीं मिली। इससे किसानों में असंतोष का वातावरण है।
-हरिओम मोहने, बीसापुर
किसान काफी समय से यूरिया का इंतजार कर रहे थे। आज जब खाद मिल रही थी तो काफी भीड़ है। किसानों को व्यवस्थित तरीके से खाद दी जाना चाहिए।
्र-राजा पाटस्कर, जैतपुर
यदि ये यूरिया स्थानीय स्तर पर उपलब्ध हो जाती तो हमें मार्केटिंग सोसाइटी में नहीं आना पड़ता। फिलहाल लाइन में खड़े है। कब नंबर आएगा। किसानों का जीवन यहीं है।
–विनोद चौरे बीसापुर
हम सुबह गांव से यूरिया के निकले है। न भूख की चिंता और प्यास लग रही है। बस यूरिया मिल जाए तो हमारी फसल बच जाए। इस भावना को लेकर आए है।
–वीरप्रसाद परतेती, डुंगरिया तीतरा
फ सल को रफ्तार देने यूरिया की जरूरत है। वहां नहीं मिल रही थी, इसलिए भूखे-प्यासे ही चले आए। आखिर यहीं हमारी रोजी रोटी है।
-चरण शा धुर्वे, पटपड़ा
पिछले तीन दिन से सोसाइटी खुलने की राह देख रहे थे। यहां पानी और छांव का इंतजाम होना चाहिए। यूरिया के लिए प्रशासन के इंतजाम हो तो तकलीफ नहीं होगी।
-शांति बाई, मोठार