बिजली कंपनी के दर्जनों कर्मचारी सोनाखार, सारसवाड़ा, मोहरली, सोनपुर में देर रात दो बजे तक बिजली सप्लाई का प्रयास करते रहे, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद रविवार सुबह 10 बजे से फिर सुधार कार्य शुरू हुआ। शनिवार की शाम साढ़े 4 बजे बंद हुई बिजली रविवार की दोपहर दो बजे बहाल हो सकी।
जनजीवन रहा प्रभावित
ग्रामीण विद्युत वितरण केंद्र के कनिष्ठ अभियंता जितेंद्र कड़वे ने बताया कि बिजली के तारों एवं पोल पर करीब 17-18 स्थानों पर पेड़ों की शाखाएं उलझी मिलीं। पांच स्थानों पर पोल टूटे। तीन स्थानों पर इंसुलेटर से उतरे तार उलझे मिले। साथ ही एक दो जगह इंसुलेटर और लाइटनिंग अरेस्टर खराब पाए गए, जिन्हें बदला गया। सोनपुर फीडर अंतर्गत तारों के टूटने से काफी समस्या थी। वैकल्पिक फीडर भी बंद था, इससे रात को सप्लाई नहीं दे सके। टूटे पोल तो बदले नहीं जा सके, लेकिन उनके बीच के गैप को पोल एवं तारों की ऊंचाई बढ़ाकर कवर किया गया, ताकि सप्लाई शुरू की जा सके। बाद में पोल भी लगाए जाएंगे। दिन के ड्यूटी कर्मचारी रात दो बजे तक काम करते रहे। वहीं सुबह 10 बजे से पुन: कर्मचारियों को बुला लिया गया। इससे ही दोपहर तक बिजली सप्लाई चालू हो सकी।