बताया जा रहा है कि, हादसे से पहले ट्रैनी विमान के पायलट ने इमरजेंसी लैंडिंग की परमिशन भी मांगी थी। उसे जैसे ही परमिशन मिली तो उसने खजुराहो एयरपोर्ट की हवाई पट्टी पर लैंड कराना चाहा। लेकिन, रनवे पर उतरने के लिए विमान के पहिये भी नहीं खुले, जिसके चलते वो फिसलते हुए रनवे के पास स्थित एक खेत में जा घुसा।
फायर ब्रिगेड की तत्परता से टला बड़ा हादसा
घटना के बाद खजुराहो एयरपोर्ट के कंट्रोल यूनिट की टीम तत्काल मौके पर पहुंच गई। कुछ ही देर में खजुराहो नगर परिषद के फायर ब्रिगेड वाहन ने तत्परता दिखाते हुए तत्काल विमान पर पानी का छिड़काव किया, ताकि किसी तरह के विस्फोटक हादसे की आशंका न रहे। घटना के चलते आसपास के इलाके में भी दहशत फैल गई। विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के वक्त उसमें दो पायलट सवार थे। बताया जा रहा है कि दोनों सुरक्षित हैं। बता दें कि, ये कोई पहली बार नहीं, जब प्रदेश में परीक्षण के दौरान विमान हादसे का शिकार न हुए हों। इससे पहले गुना में ग्वालियर एयरबेस से उड़ा सेना के विमान परीक्षण के दौरान हादसे का शिकार हुआ था।