हवस के पुजारी तो हवस का मौलवी क्यों नहीं- बागेश्वर बाबा
बागेश्वर बाबा के नाम से मशहूर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि लोग डर-डर का हिंदू-हिंदू चिल्लाते है। वह लोग मंचों से खुलेआम बोलते हैं। कुछ राजनेता जातियों के नाम पर राजनीति करते हैं। जबकि वह जातिवाद के खिलाफ और राष्ट्रवाद के पक्ष में हैं। आगे उन्होंने कहा कि इस देश में ‘हवस के पुजारी’ हैं, तो ‘हवस का मौलवी’ क्यों नहीं हो सकता। साथ ही उन्होंने माला के साथ भाला रखने की बात कहते हुए कहा कि लोग मंच से गंगा-जमुना की बात करते हैं। गंगा, यमुना और सरस्वती की त्रिवेणी क्यों नहीं हो सकती। इसी कारण से उनका विरोध होता है और उन्हें गालियां मिलती हैं।
प्रेमानंद का विरोध करने वालों को पेट की बीमारी
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि यदि कुछ लोग हमारे विरुद्ध षडयंत्र रचते हैं, तो हमें लगा कि हम में ही दोष है, लेकिन जब लोगों ने प्रेमानंद महाराज जी का विरोध किया तो यह स्पष्ट हो गया कि कुछ लोगों के पेट में समस्या है। इस देश में सत्य बोलना बहुत कठिन है।
सभी मजहब बुरे नहीं होते- बागेश्वर बाबा
बागेश्वर बाबा ने कहा कि हर स्त्री और व्यक्ति बुरा नहीं होता। हर किसी का अपने समाज को देखने का तरीका होता है। हर मजहब में व्यक्ति बुरे नहीं होते, लेकिन कुछ तो होते हैं। भले ही बुरे लोगों की भीड़ हो। यदि उसमें एक सत्यवादी व्यक्ति पहुंच जाता है, तो सबकी नजर उस पर जाएगी।