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छतरपुर को नगर निगम बनाने की कवायद तेज, डोर-टू-डोर सर्वे और पंचायतों से जानकारी जुटाई

नगर पालिका छतरपुर को नगर निगम में तब्दील करने के लिए अधूरी पड़ी जानकारी को पूरा करने का काम तेज कर दिया गया है। इसके लिए नगर पालिका और राजस्व विभाग के अमले को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

छतरपुरJun 14, 2025 / 10:25 am

Dharmendra Singh

nagarpalika

नगरपालिका छतरपुर

छतरपुर को नगर निगम का दर्जा देने की दिशा में जिला प्रशासन ने एक बार फिर से आवश्यक दस्तावेजी प्रक्रिया शुरू कर दी है। नगर पालिका छतरपुर को नगर निगम में तब्दील करने के लिए अधूरी पड़ी जानकारी को पूरा करने का काम तेज कर दिया गया है। इसके लिए नगर पालिका और राजस्व विभाग के अमले को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

डोर-टू-डोर सर्वे और पंचायतों से जानकारी जुटाई

नगर पालिका छतरपुर के मुख्य नगर पालिका अधिकारी (सीएमओ) के निर्देशन में वार्डवार सर्वे कराया जा रहा है। इसके तहत 40 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई, जिन्होंने शहर के प्रत्येक मकान में जाकर निवासरत परिवारों, किरायेदारों और भवन की स्थिति की जानकारी जुटाई। इस सर्वेक्षण की निगरानी उपयंत्री अंकित अरजरिया द्वारा की जा रही है। यह कार्य 15 दिनों के भीतर पूर्ण किया जाना है।

सात दिन में जानकारी प्रस्तुत करने के निर्देश

नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने नगर निगम प्रस्ताव में अधूरी जानकारी को लेकर असंतोष जताया था। उप सचिव आरके कार्तिकेय ने छतरपुर कलेक्टर को पत्र लिखकर बिंदुवार विवरण मांगा है। इसमें शामिल किए जाने वाले 20 गांवों के नाम, जनसंख्या, सर्वे नंबर, क्षेत्रफल, मुख्य नगर से दूरी, गूगल मैप और रंगीन नक्शा, पंचायतों में कार्यरत कर्मचारियों का विवरण मांगा गया है। एसडीएम अखिल राठौर के अनुसार, कलेक्टर द्वारा प्राप्त निर्देशों के अनुसार सभी जानकारियां एकत्र की जा रही हैं और नगरीय प्रशासन को सौंप दी जाएंगी।

जनसंख्या और क्षेत्रफल में होगा बड़ा विस्तार

नए प्रस्ताव के अनुसार छतरपुर शहर की मौजूदा जनसंख्या 298415 है। प्रस्तावित 20 गांवों के जुडऩे से यह संख्या बढकऱ 362333 हो जाएगी। इसी प्रकार वर्तमान क्षेत्रफल 3171.865 हेक्टेयर से बढकऱ 20,628.196 हेक्टेयर हो जाएगा, यानी क्षेत्रफल करीब 6 गुना तक बढ़ जाएगा।

पूर्व प्रस्ताव की कमियों को दूर करने की कोशिश

पूर्व में भेजे गए नगर निगम प्रस्ताव में कई जानकारियां अधूरी थीं, जिसके चलते इसे रोक दिया गया था। अब जिला प्रशासन इन कमियों को दूर कर पुन: प्रस्ताव तैयार कर रहा है। इसके पश्चात यह प्रस्ताव नगरीय प्रशासन से मंजूरी पाकर कैबिनेट के पास जाएगा, फिर राज्यपाल की स्वीकृति के बाद नोटिफिकेशन जारी होगा।

राज्य सरकार ने नियमों में दी है शिथिलता

नगरीय विकास की दृष्टि से मध्यप्रदेश सरकार ने नियमों में कुछ लचीलापन बरता है, जिसके तहत 5 लाख से कम जनसंख्या वाले क्षेत्रों को भी नगर निगम का दर्जा दिया जा सकता है। ऐसे में छतरपुर को नगर निगम बनाए जाने की प्रक्रिया संभव है।

नगर निगम बनने के फायदे

नगर निगम बनने से शहर में विकास कार्यों के लिए अधिक बजट, योजनाओं का विस्तार, आधारभूत संरचनाओं का विकास और प्रशासनिक सुविधा में सुधार होगा। साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों में शामिल गांवों को भी शहरी सुविधाएं मिल सकेंगी। यदि यह प्रक्रिया चुनाव से पूर्व पूरी हो जाती है, तो छतरपुर मध्यप्रदेश के उन शहरों की सूची में शामिल हो जाएगा, जिन्हें विकास के लिए अतिरिक्त संसाधन और योजनाएं मिलती हैं। अब सभी की निगाहें जिला प्रशासन द्वारा तय समयसीमा में प्रस्ताव प्रस्तुत करने पर टिकी हैं।

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