किशोर सागर तालाब में जलस्तर बढ़ने की वजह से दूसरे दिन भी वार्ड के घरों में तीन फीट तक पानी भरा रहा। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि वर्ष 1998 में ऐसा जलस्तर बढ़ा था। 27 वर्षों बाद तालाब में इस प्रकार का जल प्रवाह देखा गया। वार्ड 33 के हालात जलमग्न हैं। लोगों का कहना है कि अभी तो बारिश की शुरुआत ही है, अगर ऐसा ही रहा तो हमारे परिवार को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
तीन फीट तक घरों में पानी
किशोर सागर तालाब ने सबसे अधिक हानि वार्ड 33 को पहुंचाई है क्योंकि यह तालाब के किनारे बसा हुआ है। मकानों के अंदर पानी का भराव दूसरे दिन भी बना रहा। वार्ड निवासी चंद्रेश मिश्रा के घर में करीब तीन फीट से अधिक जल भर गया था। उनका कहना है कि जलभराव से उन्हें काफी नुकसान हुआ है। मकान में रखा सामान खराब हो गया है और वे घर की छत पर शरण लिए हुए हैं।वार्ड में जल ही जलजलस्तर बढ़ने से वार्ड में 300 से 400 मीटर तक पानी भरा रहा। लोगों ने खुद मेहनत करके इतना पानी निकाला कि बाहर आ-जा सकें। अब वार्ड में यह पहचानना भी मुश्किल हो गया है कि सड़क कहां है और जलाशय कहां। घरों में डर का माहौल है। लोग बच्चों को लेकर चिंतित हैं। रसोई और खाद्य सामग्री में पानी घुसने के कारण कई घरों में भोजन भी नहीं बन पाया।
घरों में घुस रहे जलचर
पानी के भराव ने जहां लोगों को परेशानी में डाला, वहीं अब घरों में सांप, मेंढक और मछलियां घुस आई हैं। वार्ड निवासी सिद्धगोपाल रैकवार के घर में मछली, मेंढक, सांप और अन्य कीटों ने डेरा जमा लिया है। उन्होंने बताया कि सुबह दो सांप उनके आंगन में घूम रहे थे। जलचरों का यह आतंक कई घरों में देखने को मिल रहा है।
वार्ड खाली होने की कगार पर
वार्ड 33 की गलियों में हर तरफ जलभराव है। खाली प्लॉट जलाशय जैसे दिखाई दे रहे हैं। गलियों में दूसरे दिन भी डेढ़ फीट तक पानी भरा रहा। किशोर सागर तालाब का सैलाब लोगों में दहशत बनाए हुए है। लोगों को आशंका है कि यदि एक-दो दिन और बारिश हुई, तो पूरा वार्ड खाली हो जाएगा। कई रहवासी तो सामान छत पर चढ़ाकर घर छोड़कर चले गए हैं। चार बच्चों और पत्नी के साथ किराए पर रहने वाले गोविंद रैकवार, ने बताया कि जैसे ही तालाब का पानी उनके घर में घुसा, वे डर गए और परिवार को लेकर देरी रोड स्थित रिश्तेदार के यहां शरण ली।
1998 के बाद ऐसा नजारा
पप्पू रैकवार का कहना है कि वे पिछले 50 वर्षों से यहां रह रहे हैं। 1998 में किशोर सागर तालाब का जलस्तर इतना बढ़ा था कि उनके घर में पानी घुस गया था, लेकिन तब इतनी परेशानी नहीं हुई थी। अब घनी आबादी के बावजूद प्रशासन ने कोई ठोस इंतजाम नहीं किए। 27 साल बाद यह संकट आया है। हमारा वार्ड तालाब के किनारे है, नगर प्रशासन को पहले से तैयारी करनी थी।
दूसरे दिन भी प्रशासन ने नहीं निभाई जिम्मेदारी
वार्ड में पानी भरने से आई इस त्रासदी के बावजूद प्रशासन का रवैया दूसरे दिन भी असंवेदनशील रहा। रविवार को भी कोई जिम्मेदार अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। घरों में पानी वैसा का वैसा ही रहा। प्रशासन का यह रवैया रहवासियों को खल रहा है।
ये कहना है रहवासियों का
मेरे चार बच्चे हैं। तालाब का पानी मेरे घर में आ गया था। सारा सामान खराब हो गया। देरी रोड पर रिश्तेदार के यहां शरण ली। तब जाकर लगा कि दूसरी जिंदगी मिली है। गोविंद रैकवार, वार्डवासी मेरे मकान में तीन फीट से ज्यादा पानी भरा हुआ है। प्रशासन द्वारा वार्ड में कोई निरीक्षण नहीं हुआ। सारा कामकाज रुका हुआ है। घर का सामान भी खराब हो गया।
चंद्रेश मिश्रा, वार्डवासी घरों में सांप-बिच्छुओं का आतंक है। आंगन में कीट-पतंगे घुस आए हैं। प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया। अगर ऐसे ही रहा, तो बारिश के मौसम में रहना मुश्किल हो जाएगा।
सिद्धगोपाल रैकवार, वार्डवासी 27 वर्ष पहले ऐसी त्रासदी आई थी। अब वार्ड में तीन सौ मीटर तक पानी घुस गया है। लोगों में डर है कि यदि दोबारा बारिश हुई, तो हालात बिगड़ सकते हैं। नगर पालिका ने कोई मदद नहीं की।
पप्पू रैकवार, रहवासी
इनका कहना है
वार्ड नंबर 33 में किशोर सागर तालाब के जलस्तर बढ़ने की मुझे कोई जानकारी नहीं मिली थी। कुछ अन्य वार्ड की सूचना मिली थी, जिनमें राहत पहुंचाई गई। आपके माध्यम से सूचना मिली है, निरीक्षण कराया जाएगा। माधुरी शर्मा, सीएमओ, नगर पालिका