डीईओ कार्यालय ने मांगा स्पष्टीकरण
जिला शिक्षा अधिकारी आरपी प्रजापति ने इन सभी स्कूलों के प्राचार्यों से कारण सहित स्पष्टीकरण मांगा है। इसके आधार पर आगामी दिनों में वार्षिक वेतन वृद्धि रोकने, प्रभारी प्राचार्यों की जवाबदेही तय करने और अन्य प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की जाएगी। डीईओ ने साफ कहा कि इस बार लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। विगत वर्ष केवल रेगुलर प्राचार्यों की वेतन वृद्धि रोकी गई थी, लेकिन इस बार विषय शिक्षकों और प्रभारी प्राचार्यों को भी कार्रवाई के दायरे में लाया जा रहा है।
छात्र उपस्थिति, अद्र्धवार्षिक और प्री-बोर्ड में भी लापरवाही
खराब परीक्षा परिणाम के पीछे सबसे बड़ा कारण छात्रों की कम उपस्थिति और स्कूलों द्वारा अद्र्धवार्षिक एवं प्री-बोर्ड परीक्षाओं को गंभीरता से न लेना पाया गया है। शासन के स्पष्ट निर्देश थे कि कमजोर छात्रों के लिए अलग कक्षाएं चलाई जाएं और उन्हें नियमित मार्गदर्शन दिया जाए, लेकिन संबंधित स्कूलों ने इन निर्देशों की अनदेखी की। डीईओ ने यह भी बताया कि इस बार कक्षा 10वीं और 12वीं में 15229 विद्यार्थी अनुत्तीर्ण हुए हैं, जो अब द्वितीय परीक्षा में सम्मिलित होंगे। प्राचार्यों को निर्देश दिए गए हैं कि सभी अनुत्तीर्ण विद्यार्थियों के आवेदन समय पर कराए जाएं ताकि कोई छात्र वंचित न रह जाए।
शिक्षकों के लिए सख्त दिशा-निर्देश
राज्य सरकार ने शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए अनेक प्रयास किए हैं, जिनमें शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यशालाएं, विदेश दौरे और संवेदनशील मूल्यांकन प्रणाली शामिल हैं। इसके बावजूद कई स्कूलों ने अपेक्षित सुधार नहीं दिखाया है। पिछले साल शिक्षकों ने तबादला नीति और प्रशासनिक लापरवाही को खराब परिणाम का कारण बताया था, लेकिन इस वर्ष ऐसा कोई व्यवधान न होने के बावजूद परिणाम निराशाजनक रहा है। इससे स्पष्ट है कि शिक्षकों की लापरवाही और अकादमिक अनुशासन की कमी इसके मूल कारण हैं।
समीक्षा बैठक में होगी अंतिम कार्रवाई
डीईओ प्रजापति ने बताया कि खराब परिणाम वाले स्कूलों की सूची तैयार हो चुकी है और जल्द ही कलेक्टर के निर्देशन में समीक्षा बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक में प्रदर्शन, छात्र उपस्थिति, परीक्षा तैयारी व शिक्षण कार्य जैसे बिंदुओं पर चर्चा कर सख्त निर्णय लिए जाएंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि द्वितीय परीक्षा के परिणाम आने के बाद ही पूर्ण कार्रवाई की जाएगी, जिससे सटीक मूल्यांकन हो सके।
पत्रिका व्यू
छतरपुर जिले में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर अब प्रशासन कड़े कदम उठाने जा रहा है। परिणामों में लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों को उत्तरदायी ठहराया जाएगा और छात्रों के भविष्य से खेलने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। यह कार्रवाई न केवल शिक्षा व्यवस्था में जवाबदेही सुनिश्चित करेगी, बल्कि शिक्षकों को उनके कर्तव्य के प्रति और अधिक सजग बनाएगी।