वैभव तनेजा का सफर
वैभव तनेजा का जन्म और पढ़ाई-लिखाई भारत में हुई। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से कॉमर्स में ग्रेजुएशन किया और 2000 में इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) से चार्टर्ड अकाउंटेंट की डिग्री हासिल की। इसके बाद, 2006 में उन्होंने अमेरिका से सर्टिफाइड पब्लिक अकाउंटेंट (CPA) की डिग्री प्राप्त की। अपने करियर की शुरुआत उन्होंने 1999 में प्राइसवाटरहाउस कूपर्स (PwC) में की, जहां उन्होंने 17 साल तक भारत और अमेरिका में काम किया।
2023 में टेस्ला के CFO बने
2016 में वैभव सोलरसिटी नामक अमेरिकी सोलर कंपनी से जुड़े, जिसे 2017 में टेस्ला ने अधिग्रहित कर लिया। टेस्ला में उन्होंने असिस्टेंट कॉर्पोरेट कंट्रोलर के रूप में शुरुआत की और तेजी से तरक्की करते हुए 2018 में कॉर्पोरेट कंट्रोलर, 2019 में चीफ अकाउंटिंग ऑफिसर और 2023 में टेस्ला के CFO बने। 2021 में उन्हें टेस्ला इंडिया मोटर्स एंड एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड का डायरेक्टर भी नियुक्त किया गया, जहां वे भारत में टेस्ला के विस्तार की रणनीति को संभाल रहे हैं।
रिकॉर्ड तोड़ सैलरी का राज
वैभव तनेजा की 139.5 मिलियन डॉलर की सैलरी में उनकी बेस सैलरी केवल 400,000 डॉलर (लगभग 3.33 करोड़ रुपये) थी। उनकी कमाई का अधिकांश हिस्सा स्टॉक ऑप्शंस और इक्विटी अवॉर्ड्स से आया, जो उन्हें 2023 में CFO बनने के बाद दिए गए। 2023 में टेस्ला के शेयर की कीमत करीब 250 डॉलर थी, जो मई 2025 तक बढ़कर 342 डॉलर हो गई। इस शेयर मूल्य में वृद्धि ने उनके स्टॉक ऑप्शंस की वैल्यू को कई गुना बढ़ा दिया।
CFO का सबसे बड़ा पैकेज
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, वैभव की सैलरी ने न केवल गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई (10.73 मिलियन डॉलर) और माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला (79.1 मिलियन डॉलर) को पीछे छोड़ा, बल्कि यह किसी भी CFO को मिलने वाला अब तक का सबसे बड़ा पैकेज माना जा रहा है। इससे पहले 2020 में निकोला कंपनी के CFO को 86 मिलियन डॉलर का पैकेज मिला था, जो अब दिवालिया हो चुकी है।
क्यों सर्च कर रही दुनिया?
वैभव तनेजा की अपनी उपलब्धि से सभी का ध्यान खींचा है। एक भारतीय मूल के व्यक्ति का दुनिया की सबसे चर्चित कंपनियों में से एक में इतना बड़ा मुकाम हासिल करना भारतीय प्रवासी समुदाय के लिए गर्व की बात है। उनकी सैलरी ने कॉर्पोरेट इतिहास में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया, जिसने वैश्विक मीडिया और सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया। टेस्ला इस समय इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में आपूर्ति में कमी और मुनाफे में गिरावट जैसी चुनौतियों का सामना कर रही है। ऐसे में वैभव की रणनीतिक नेतृत्व क्षमता और उनकी सैलरी ने लोगों का ध्यान खींचा। दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर वैश्विक मंच पर इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल करना युवाओं के लिए एक प्रेरणा है।
वैभव की खासियत
वैभव तनेजा को एक शांत, रणनीतिक और कुशल लीडर माना जाता है, जो लाइमलाइट से दूर रहकर अपने काम पर ध्यान देते हैं। उनकी वित्तीय विशेषज्ञता और कॉर्पोरेट एकीकरण में गहरी समझ ने टेस्ला को मजबूती दी है। उनकी सफलता की कहानी न केवल भारतीयों बल्कि वैश्विक स्तर पर उन सभी के लिए प्रेरणा है जो मेहनत और लगन से बड़ा मुकाम हासिल करना चाहते हैं।