क्या है फ्रैक्शनल ट्रेडिंग?
फ्रैक्शनल ट्रेडिंग में निवेशकों को एक पूरा शेयर खरीदने-बेचने के बजाय उसके एक या कुछ हिस्से का ट्रेड करने की अनुमति है। इस तरह की ट्रेडिंग व्यवस्था अमेरिका में लोकप्रिय हैं। उदाहरण के लिए एमआरएफ का एक शेयर अभी करीब 1.50 लाख रुपए का है। जिन निवेशकों के पास 1.5 लाख रुपए नहीं हैं, वे एमआरएफ का शेयर नहीं खरीद सकते। वहीं, फ्रैक्शनल ट्रेडिंग शुरू होने से 10 हजार रुपए में एमआरएफ के एक शेयर का 15वां हिस्सा और 25,000 रुपए में छठवां हिस्सा खरीद सकेंगे।ब्रोकर के बजाय डिपॉजिटरी में रखे जाएंगे आंशिक शेयर
जॉल्ट्स के को-फाउंडर नीरज सिंह के अनुसार, अगले 3-4 महीने में कंपनी सेबी और दूसरे मार्केट पार्टिसिपेंट्स के सामने विभिन्न यूजकेस डिसप्ले करेगी। हालांकि, बड़े स्तर पर लाइव टेस्टिंग तभी स्टार्ट होगी, जब सेबी उन्हें नियामकीय सैंडबॉक्स में शिफ्ट करेगा। सिंह ने कहा कि उनके प्रोसेस में आंशिक शेयर ब्रोकर की बजाय डिपॉजिटरी में रखे जाएंगे।बाजार में आई तेजी
भारतीय शेयर बाजार आज बुधवार को बढ़त के साथ ट्रेड कर रहा है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक सेंसेक्स आज 257 अंक की बढ़त लेकर 81,594.52 पर खुला। शुरुआती कारोबार में यह 0.17 फीसदी या 140 अंक की बढ़त के साथ 81,484 पर ट्रेड करता दिखा। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक निफ्टी 0.19 फीसदी या 48 अंक की बढ़त के साथ 24,873 पर ट्रेड करता दिखाई दिया।