बोर्ड की तरफ से रिजल्ट घोषित किए जाने का नोटिफिकेशन जारी करने के बाद अब विद्यार्थी परिणाम के बाद आगे की तैयारी में भी जुट गए। कक्षा 10वीं एवं 12वीं में प्रदेश एवं जिले के टॉपर्स की सूची भी जारी की। जिले से कक्षा 10वीं में 7 हजार 928 और कक्षा 12वीं परीक्षा में 4 हजार 983 विद्यार्थी शामिल हुए थे।
कब से कब तक चली परीक्षा
दसवीं की परीक्षा 27 फरवरी से 19 मार्चतक चली थी। जबकि 12वीं 25 फरवरी से शुरू होकर 25 मार्चतक चली।
कम नंबर आने पर दोबारा एग्जाम देने का मौका
माध्यमिक शिक्षा मंडल की ओर से विद्यार्थियों को सुविधा दी है। विद्यार्थी इस तनाव में रहते हैं कि उनके नंबर कम आए, तो वे आगे क्या करेंगे। इसी को ध्यान में रखते हुए एमपी बोर्ड ने इस साल फैसला लिया है कि यदि छात्र मेन एग्जाम में फेल होते हैं, या कम नंबर आते हैं तो जुलाई में दोबारा परीक्षा दे सकेंगे। ये फैसला नई शिक्षा नीति के तहत लिया गया है। इस बदलाव से उन छात्रों को राहत मिलेगी, जिन्हें एक या अधिक विषयों में फेल होने पर पूरे साल इंतजार करना पड़ता था। इससे छात्रों को बेहतर अवसर मिलते हैं और उनका साल खराब नहीं होता।
पहले क्या होता था
अब तक एमपी बोर्ड परीक्षा में केवल एक विषय में फेल होने वाले छात्रों को रुक जाना नहीं योजना के तहत स्टेट ओपन बोर्ड की पूरक परीक्षा देने का मौका मिलता था। लेकिन अब नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद कई विषयों में फेल होने वाले छात्र भी दोबारा परीक्षा दे सकेंगे।