कॉलोनियों को चिन्हित करने का काम शुरू
एसडीएम अजमेर सिंह गौड़ ने बताया कि शासन के निर्देश मिलने के बाद नगरीय निकाय क्षेत्रों में कटी वैध-अवैध कॉलोनियों को चिन्हित करने की प्रकिया चल रही है जो कॉलोनियों पहले से चिन्हित हैं। उनका रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है कि यह कॉलोनी कब विकसित की गई। उसके आधार पर कॉलोनियों में प्लाट, जनसंख्या सहित सुविधाओं का आंकलन भी कर रहे हैं। शासन को कॉलोनियों की सूची भेजने के बाद आगे की प्रक्रिया शासनस्तर से होगी। संयुक्त टीम बनाकर कॉलोनियों को चिन्हित किया जा रहा है।
तीन साल पहले भी हुआ था सर्वे
सीएम अधोसंरचना विकास योजना के तहत तीन साल पहले भी शहरी क्षेत्र में 2016 के पहले कटी अवैध कॉलोनियों को चिह्नित किया गया था। इनमें 35 वैध कॉलोनी को प्रमाण पत्र मिलने के बाद भी प्लाटधारक सुविधाएं नहीं मिलने से परेशान है। दोबारा से सर्वे किया जा रहा है। कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाओं के लिए निगम के विकास मद में 50 फीसदी राशि जमा करने का प्रावधान था, लेकिन अधिकांश कॉलोनाइजर एवं प्लाटधारकों ने यह राशि जमा नहीं की। वैध का प्रमाण पत्र का मिल गया, लेकिन आज भी प्लाटधारक अवैध कॉलोनी की तरह ही सड़क, बिजली, पानी सहित अन्य सुविधाओं के लिए परेशान हो रहे है।
शिकायतें बढ़ने पर कलेक्टर ने दिए थे निर्देश
सीएम हेल्पलाइन, जनसुनवाई में अवैध कॉलोनियों की शिकायतें बढ़ने के बाद कलेक्टर ने राजस्व विभाग को कार्रवाई के निर्देश दिए थे। पूर्व एसडीएम ने कॉलोनियों का सर्वे किया था, जिसके बाद अब तहसील, पटवारियों से रिकॉर्ड लेकर कॉलोनाइजरों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं। एसडीएम न्यायालय से 10 कॉलोनाइजरों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर नोटिस जारी किए गए। कॉलोनाइजरों को अपने दस्तावेज सहित प्रकरण में जवाब प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। बिना डायवर्शन, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग की बिना अनुमति के खेती की जमीनों पर छोटे-छोटे भूखंड में कॉलोनियां काटकर मूलभूत सुविधाएं नहीं दिए जाने की शिकायतें लंबे समय से मिलने से यह कार्रवाई हो रही है। नगरीय निकाय क्षेत्रों में कटी वैध-अवैध कॉलोनियों का रिकॉर्ड देखकर सूची बना रहे है, यह रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी