● बीपीएल जनगणना-2002 के अनुसार गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहे परिवारों का जीवन स्तर एवं जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाकर उन्हें गरीबी रेखा से ऊपर लाना।
● लक्षित समूह की आर्थिक एवं सामाजिक असमानता को कम करना।
● केंद्र और राज्य सरकार की कल्याणकारी व सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में लक्षित समूह को प्राथमिकता प्रदान करना।
● लक्षित समूह के परिवारों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाएगी। साथ ही स्थानीय संसाधनों पर आधारित स्वरोजगार गतिविधियों को बढ़ावा देगी।
● योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कलक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति गठित होगी। जिसके सचिव जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी व सदस्य विभाग के अधिकारी होंगे।
चयनित परिवारों को पीएम आवास, सामाजिक सुरक्षा, महिला सशक्तिकरण, बैंकिंग, आजीविका सृजन एवं रोजगार, अटल पेंशन योजना, किसान समान निधि आदि अन्य योजनाओं का फायदा मिलेगा। इनका कहना है
सरकार ने बीपीएल परिवारों को स्वरोजगार योजना से जोड़ने के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय गरीबी मुक्त गांव योजना शुरू की है। पहले चरण में प्रदेश के पांच हजार गांव शामिल किए गए है। जिसके तहत बूंदी जिले के 122 गांवों का चयन किया है। इस योजना के तहत गांवों के लाभांवित परिवारों को आत्मनिर्भर परिवार कार्ड व प्रोत्साहन राशि भी मिलेगी।
बी.आर.जाट, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद, बूंदी