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खुदरा उर्वरक विक्रेताओं को सौंपे प्राधिकार प्रमाण पत्र

कृषि विज्ञान केन्द्र में 15 दिवसीय खुदरा उर्वरक विक्रेताओं के लिए प्रशिक्षण का शुक्रवार को समापन हुआ।
प्रो. हरीश वर्मा, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान खाद उर्वरक विक्रेताओं को मृदा में संतुलित उर्वरकों की मात्रा का प्रयोग, खाद, उर्वरक व मृदा नमूना लेने की विधि, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, फसलों के आवश्यक पोषक तत्वों की मात्रा और उनकी कमी के लक्षणों की पहचान करना, उर्वरकों में मिलावट, जैविक खेती, संरक्षित खेती, प्राकृतिक खेती, समन्वित कृषि प्रणालियों एवं समन्वित कीट रोग प्रबन्धन के बारे में विस्तृत जानकारी दिलवाई गई।

बूंदीMay 31, 2025 / 12:13 pm

Narendra Agarwal

खुदरा उर्वरक विक्रेताओं को सौंपे प्राधिकार प्रमाण पत्र

बूंदी. खुदरा उर्वरक विक्रेताओं को प्राधिकार प्रमाण पत्र सौंपते हुए।

बूंदी. कृषि विज्ञान केन्द्र में 15 दिवसीय खुदरा उर्वरक विक्रेताओं के लिए प्रशिक्षण का शुक्रवार को समापन हुआ।
प्रो. हरीश वर्मा, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान खाद उर्वरक विक्रेताओं को मृदा में संतुलित उर्वरकों की मात्रा का प्रयोग, खाद, उर्वरक व मृदा नमूना लेने की विधि, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, फसलों के आवश्यक पोषक तत्वों की मात्रा और उनकी कमी के लक्षणों की पहचान करना, उर्वरकों में मिलावट, जैविक खेती, संरक्षित खेती, प्राकृतिक खेती, समन्वित कृषि प्रणालियों एवं समन्वित कीट रोग प्रबन्धन के बारे में विस्तृत जानकारी दिलवाई गई।

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प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षणार्थियों को वरिष्ठ अनुसंधान अध्येता दीपक कुमार द्वारा प्रक्षेत्र भ्रमण के लिए सब्जी उत्कृष्टता केन्द्र, बूंदी एवं कृषि अनुसंधान केन्द्र, कोटा पर संचालित विभिन्न इकाईयेां का अवलोकन करवाया गया, जिसमें समन्वित कृषि प्रणाली फसल परियोजना डॉ. मूमल भारद्वाज (वरिष्ठ अनुसंधान अध्येता) ने, ट्राइकोडरमा इकाई में डॉ. डी.एल. यादव (सहायक आचार्य पादप रोग विज्ञान), जैविक खेती परियोजना में डॉ. अंजू बिजारणिया (वरिष्ठ अनुसंधान अध्येता) ने प्रायोगिक जानकारी दी।

डॉ. घनश्याम मीना, प्रशिक्षण प्रभारी ने कृषकों को प्राकृतिक खेती इकाई, वर्मीकंपोस्ट इकाई, डेयरी इकाई, अजोला इकाई, नेपियर एवं बकरी पालन प्रदर्शन इकाईयों का भ्रमण कराया। समापन समारोह पर डॉ. नाथूलाल मीणा, अधिष्ठाता, कृषि महाविद्यालय, हिण्डोली ने रबी व खरीफ फसलों में लगने वाले प्रमुख कीटों के बारे में जानकारी देने के साथ ही इनके प्रबन्धन, तकनीकों के बारे में बताया तथा प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र एवं बैग वितरित
किए गए।

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