scriptबुलंदशहर हिंसा में भाजपा नेता समेत 38 दोषी, इंस्पेक्टर की हत्या कर फूंकी थी चौकी | 38 people including BJP leader found guilty in Bulandshahr violence, inspector was murdered and police post was burnt | Patrika News
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बुलंदशहर हिंसा में भाजपा नेता समेत 38 दोषी, इंस्पेक्टर की हत्या कर फूंकी थी चौकी

बुलंदशहर में 7 साल पहले हुई हिंसा मामले में अदालत ने 38 आरोपियों को दोषी करार दिया है। इस हिंसा में एक इंस्पेक्टर और एक युवक की मौत हो गई थी। जानें पूरा मामला

बुलंदशहरJul 30, 2025 / 04:34 pm

Avaneesh Kumar Mishra

बुलंदशहर में कोर्ट के बाहर तैनात पुलिस, PC- X

बुलंदशहर में 3 दिसंबर 2018 को हुई भीषण हिंसा के मामले में सात साल बाद न्याय की घड़ी आ गई है। स्थानीय कोर्ट ने बुधवार को एक बड़ा फैसला सुनाते हुए इस मामले के 38 आरोपियों को दोषी करार दिया है। इन दोषियों में एक मौजूदा जिला पंचायत सदस्य और हिंदू संगठन से जुड़े भाजपा नेता योगेश राज भी शामिल हैं। हालांकि, सजा का ऐलान अब शुक्रवार यानी एक अगस्त को किया जाएगा।
यह मामला स्याना कोतवाली क्षेत्र के गांव महाव में गोवंश के अवशेष मिलने के बाद भड़की हिंसा और आगजनी से जुड़ा है। आक्रोशित भीड़ ने चिंगरावठी पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया था, और इस दौरान स्याना कोतवाली के तत्कालीन इंस्पेक्टर सुबोध कुमार और युवक सुमित की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

44 लोगों को पुलिस ने बनाया था आरोपी

पुलिस ने इस घटना में मौजूदा जिला पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान सहित कुल 44 लोगों को आरोपी बनाया था। इनमें से दुखद है कि 5 आरोपियों की सुनवाई के दौरान ही मृत्यु हो चुकी है, जबकि एक आरोपी नाबालिग था, जिसे पहले ही रिहा किया जा चुका है। बचे हुए 38 आरोपियों को आज दोषी ठहराया गया है।

बुलंदशहर कोर्ट के बाहर फोर्स तैनात

फैसले की संवेदनशीलता को देखते हुए कोर्ट परिसर में 2 थानों की फोर्स तैनात की गई थी। अभियुक्त पक्ष के वकील अशोक डागर ने बताया कि कोर्ट को दोपहर ढाई बजे फैसला सुनाना था, लेकिन कुछ आरोपियों के देर से पेश होने के कारण फैसला शाम साढ़े तीन बजे आया। डागर ने कहा कि वे दोष सिद्धी के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं और हाई कोर्ट में अपील करेंगे।

गोवंश के अवशेष मिलने पर हुई थी हिंसा

3 दिसंबर 2018 को स्याना कोतवाली के गांव महाव में गोवंश के अवशेष मिलने की सूचना पर हिंदूवादी संगठन और आसपास के ग्रामीण मौके पर एकत्र हो गए। आरोप है कि मुख्य आरोपी योगेश राज ने अपने साथियों के साथ मिलकर लोगों को भड़काया। आक्रोशित भीड़ ट्रैक्टर-ट्रॉली में गोवंश के अवशेष भरकर बुलंदशहर हाईवे स्थित चिंगरावठी पुलिस चौकी पर पहुंच गई और हाईवे जाम कर दिया। पुलिस के रोकने के प्रयास पर भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया और पुलिस चौकी फूंक दी।
इसी दौरान, भीड़ को काबू करने की कोशिश कर रहे कोतवाल सुबोध कुमार शहीद हो गए। चिंगरावठी निवासी युवक सुमित की भी गोली लगने से मौत हो गई थी। पुलिस ने आनन-फानन में गोकशी के 10 आरोपियों पर केस दर्ज कर स्थिति को शांत किया था।

34 आरोपियों को मिल गई थी जमानत

हिंसा के बाद एसआई सुभाष सिंह ने तहरीर दी थी, जिसमें योगेश राज को मुख्य आरोपी बनाया गया था। कुल 27 नामजद सहित 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। हालांकि, पुलिस की चार्जशीट में 44 लोग ही आरोपी पाए गए, जबकि 16 के खिलाफ सबूत न मिलने पर उनके नाम हटा दिए गए। तत्कालीन कोतवाली प्रभारी प्रेमचंद शर्मा के अनुसार, हिंसा के बाद 44 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। इनमें से 4 आरोपी अभी भी जेल में हैं, जबकि 34 जमानत पर बाहर हैं। मुख्य आरोपी योगेश राज को कुछ महीने पहले ही सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी।

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