इन छात्र नेताओं में सूरज सिंह राजपूत, नीरज यादव व सौरभ दुबे के नाम शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि ये छात्र नेता ही यूनिवर्सिटी में हुए भ्रष्टाचार, गड़बड़ी और अनियमितता को लेकर उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी से लेकर राज्यपाल तक शिकायत करने पहुंचे थे। ऐसे में अब इन छात्र नेताओं पर यूनिवर्सिटी में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है।
CG News: भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन दबाने का प्रयास
छात्र नेता सूरज सिंह राजपूत का कहना है कि भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन को दबाने के लिए कुलपति व कुलसचिव इस तरह के कदम उठा रहे हैं। इस तरह का आदेश छात्रविरोधी और अलोकतांत्रिक कार्यवाही है। विश्वविद्यालय प्रशासन भ्रष्टाचार का सच छिपाने के लिए छात्रों पर मानसिक दबाव बना रहा है।
विश्वविद्यालय प्रशासन शिक्षकों को भी छात्रों से संवाद न करने की चेतावनी दे रहा है। इससे शैक्षणिक माहौल पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। जांच समिति गठित होने से यूनिवर्सिटी प्रबंधन डर गया है।
कुलसचिव के आदेश में यह लिखा हुआ
कुलसचिव शैलेन्द्र दुबे की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सूरज सिंह सहित तीनों पूर्व छात्रों का विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। छात्र कार्यालयीन कार्य में बाधा पहुंचाने, दस्तावेजों की अनधिकृत फोटोग्राफी करते व उपद्रव फैलाते रहे हैं। पूर्व में कुलपति कक्ष में हंगामा करने के चलते इनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज है। आदेश की अवहेलना पर विधि सम्मत कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है। कुलपति ने व्हाट्सएप ग्रुप में दिया समर्थन
विश्वविद्यालय के कुलसचिव शैलेन्द्र दुबे की ओर से छात्रों के
यूनिवर्सिटी में प्रवेश पर प्रतिबंध और किसी भी कोर्स में एडमिशन न देने का आदेश यूनिवर्सिटी के यूटीडी व्हाट्सएप ग्रुप में भी डाला गया। जिसके बाद कुलपति प्रो. ए.डी.एन. वाजपेयी द्वारा ‘बढ़िया’ लिखकर समर्थन दिया गया। कुलसचिव शैलेन्द्र दुबे द्वारा इस तरह से आदेश जारी करने के बाद अब यूनिवर्सिटी में चर्चा हो रही है कि उच्च स्तरीय जांच समिति गठित होने के बाद यह निर्णय लिया गया है।