प्रदेश के पक्षकारों की सुविधा के लिए यह व्यवस्था शुरू की गई है। इसके पीछे सोच है कि जिन पक्षकारों को अंग्रेजी ऑर्डर समझने में परेशानी होती है, उनको हिंदी में आदेश की प्रति उपलब्ध कराई जाए।
मिली जानकारी के अनुसार देश के अन्य
हाईकोर्ट में भी, वहां की स्थानीय भाषा में ट्रांसलेशन किया जाएगा। जैसे साउथ में वहां की भाषा तेलगु, तमिल, मलयालम आदि में फैसले कन्वर्ट होंगे। वहीं हिंदी भाषी प्रदेश के हाईकोर्ट में हिंदी में आदेश ट्रांसलेट किए जा रहे हैं। इसके लिए एक सॉफ्टवेयर भी डवलप किया गया है।
रिटायर्ड जजों की भी मदद ली जा रही
ट्रांसलेशन के लिए विधि स्नातक अनुवादकों के साथ हाईकोर्ट या जिला कोर्ट के अधिवक्ताओं और रिटायर्ड ज्युडिशियल ऑफिसरों की भी सहायता ली जाएगी। हाईकोर्ट से जारी अधिसूचना के अनुसार राज्य के उच्च न्यायालय और जिला न्यायालयों में प्रैक्टिस करने वाले अधिवक्ता, सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारी और बार काउंसिल से रजिस्टर्ड विधि स्नातक अनुवाद कार्य करने के लिए आवेदन कर सकते हैं। पैनल में शामिल विशेषज्ञों को अनुवाद के लिए प्रति पृष्ठ 200 रुपए पारिश्रमिक दिया जाएगा। गुणवत्ता के लिए एक्सपर्ट होना जरूरी
अनुवाद कार्य के लिए पैनल में विधिवत चयनित उम्मीदवारों को उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ द्वारा अनुमोदित अनुवाद कार्य के लिए मानक संचालन प्रक्रिया का पालन करना होगा। संबंधित प्राधिकारी द्वारा अनुवाद कार्य के सत्यापन के बाद ही पारिश्रमिक का भुगतान किया जाएगा। इस कार्य के लिए एक्सपर्टस से आवेदन भी मंगवाए जा रहे हैं। हाईकोर्ट में विशेष कार्य अधिकारी को निर्धारित प्रारूप में डाक या ईमेल के माध्यम से आवश्यक दस्तावेजों सहित आवेदन किया जा सकता है।