इसी सत्र में बदलेगा 5वीं कक्षा तक का सिलेबस, भारतीय सभ्यता, संस्कृति जुड़ेंगे
राजस्थान में इसी सत्र में बदलेगा 5वीं कक्षा तक के सिलेबस में बदलाव होगा। शिक्षा विभाग सिलेबस में भारतीय सभ्यता, संस्कृति से जुड़े बिंदू में शामिल कर रहा है। अगले सत्र में कक्षा 6 से 11वीं कक्षा तक के पाठ्यक्रम में बदलाव होगा।
Education News: शिक्षा विभाग की ओर से कक्षा एक से पांचवीं तक के सिलेबस में बदलाव किया जा रहा है। नया सिलेबस इसी सत्र 2025-26 से लागू होगा। आरएससीईआरटी की ओर से नया पाठ्यक्रम और पुस्तकें इसी सत्र जारी कर दी जाएंगी। इसके अलावा कक्षा 6 से 11 वीं तक नया पाठ्यक्रम सत्र 2026-27 से लागू किया जाएगा। इसके अलावा सत्र 2027-28 से 10 वीं और 12 वीं कक्षा का सिलेबस बदला जाएगा। विभाग ने 15 मई से 31 अक्टूबर तक विस्तृत प्लान तैयार करने निर्देश दिए हैं।
गौरलतब है कि राज्य में स्कूली पाठ्यक्रम में बदलाव की कवायद पिछले सत्र से चल रही है। सरकार की ओर से इसके लिए पाठ्यक्रम संशोधन समिति का गठन किया गया था। कमेटी ने इस पर काम भी शुरू कर दिया था। कक्षा एक से पांचवीं तक सौ फीसदी सिलेबस में बदलाव किया जा रहा है। छह से 12 वीं तक 20 फीसदी तक बदलाव किया जाएगा।
इसीलिए हो रहा बदलाव
विशेषज्ञों की मानें तो आज का पाठ्यक्रम हमारे बच्चे पढ़ रहे हैं वह युवाओं को राष्ट्रभक्ति के लिए उतना प्रेरित नहीं कर रहा। ऐसे में समिति छात्रों की जरूरत को देखते हुए पाठ्यक्रम में बदलाव करेगी। हालांकि कक्षा छह से 12 वीं तक पाठ्यक्रम में 20 फीसदी तक बदलाव होगा। पुस्तक लेखन के लिए 100 लेखकों की सूची बनाई है। इसमें पाठ्यक्रम में लोक कल्याण, संस्कृति, डिजिटल, साइबर, कंप्यूटर ज्ञान सहित अन्य बिंदू शामिल किए जा रहे हैं।
समय पर पहुंचें किताबें
पहले कक्षा एक से पांचवीं तक कक्षा के सिलेबस में इसी सत्र से बदलाव पर संशय बना हुआ था। कारण है कि विभाग की ओर से इसकी घोषणा नहीं की गई थी। लेकिन अब विभाग ने इसी सत्र से बदलाव का निर्णय लिया है। स्कूल संगठनों की मांग है कि सरकार सिलेबस में बदलाव कर समय से पुस्तकें पहुंचाएं।
नए बदलाव में पुस्तकों में भारतीय सभ्यता, संस्कृति, सनातन धर्म को बढ़ावा देने वाली अध्ययों को जोड़ा जाएगा। इसके अलावा स्कूल विद्यार्थियों को भी नई तकनीकी से जोड़ने के लिए भी अध्याय शामिल किए जाएंगे। समयानुकूल विद्यार्थियों को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, आइटी, उद्यमिता सहित अन्य पढ़ाई भी कराई जाएगी। पाठ्यक्रम में भारतीय खान-पान से भी रूबरू कराया जाएगा। पाठ्यक्रम में वह अध्याय जोड़े जाएगे, जिससे छात्रों में देशभक्ति की भावना जागृत हो सके। यह बदलाव कक्षा एक से 12 वीं तक किया जाएगा।