देशभर को चौंका देने वाली 2000 करोड़ रुपए की साइबर ठगी में अब बीकानेर का नाम भी सामने आया है। यहां 99 करोड़ 65 लाख रुपए 14 विभिन्न बैंक खातों में जमा होने की पुष्टि हुई है। इन खातों को अब पुलिस खंगाल रही है।
जांच में सामने आया है कि बीकानेर के खारड़ा गांव निवासी कृष्ण शर्मा ने करणी ट्रेडिंग कंपनी के जरिए यह रकम अलग-अलग खातों में डाली थी। इस लेन-देन में लूणकरनसर के आढ़ती घनश्याम सारस्वत की भूमिका प्रमुख मानी जा रही है, जो इस समय फरार है।
आढ़ती ने साइबर फ्रॉड गैंग से मिलाया हाथ
साइबर जालसाजों से संपर्क कर घनश्याम सारस्वत ने कमीशन के तौर पर भारी रकम का ट्रांजैक्शन किया। पुलिस को उसके खातों में बड़ी राशि के आने के सबूत मिले हैं। फिलहाल वह फरार है और पुलिस उसके परिचितों व रिश्तेदारों की मदद से लोकेशन ट्रेस करने में जुटी है। इससे पहले पुलिस ने करणी ट्रेडिंग कंपनी के प्रोपराइटर कृष्ण शर्मा को गिरफ्तार किया था, जिसके माध्यम से यह अवैध ट्रांजैक्शन किया गया।
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कर्नाटक से फैला नेटवर्क
इस पूरे फ्रॉड की शुरुआत कर्नाटक के विजयपुरा जिले से हुई। यहां कैपमोर एफएक्स नामक कंपनी बनाकर हजारों लोगों से निवेश करवाया गया। परिवादी कांटेप्पा बाबू चव्हाण ने श्रीगंगानगर पुलिस अधीक्षक को शिकायत दी थी, जिसके आधार पर सदर थाना में मुकदमा दर्ज हुआ। आरोपी अजय आर्य और उसके साथियों ने इस कंपनी के जरिए लोगों को भारी मुनाफे का झांसा देकर करोड़ों की ठगी की। फ्रॉड के बाद आरोपी फरार हो गए।
सरगना के पिता और भाई गिरफ्तार
श्रीगंगानगर पुलिस ने अम्बिका सिटी-2 कॉलोनी में दबिश देकर मुख्य आरोपी अजय आर्य के पिता लाजपत और भाई दीपक को हिरासत में लिया है। पुलिस अब मुख्य आरोपी और नेटवर्क में शामिल अन्य लोगों की तलाश में जुटी है।