आधार और राशन कार्ड पर उठाए सवाल
दानिश अली ने बिहार सरकार द्वारा आधार कार्ड और राशन कार्ड को नागरिकता का प्रमाण न मानने के फैसले की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि हर काम में आधार कार्ड अनिवार्य किया जाता है, लेकिन वोटर पंजीकरण में आधार को स्वीकार नहीं किया जा रहा।
बिहार में लाखों मतदाता सूची से बाहर
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि बिहार में लगभग 65 लाख लोगों को वोटर लिस्ट से बाहर कर दिया गया है, जबकि 50 लाख से अधिक लोगों ने फार्म भरने के बावजूद उनके आवेदन को बीएलओ ने “नॉट रिकमेंड” लिखकर खारिज कर दिया। उन्होंने इसे लोकतंत्र के खिलाफ साजिश बताया।
राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस का किया जिक्र
दानिश अली ने हाल ही में राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस का हवाला देते हुए कहा कि देश में मताधिकार छीनने की कोशिश हो रही है। उन्होंने कहा कि संविधान में हर नागरिक के वोट का मूल्य समान है, लेकिन आज इसे कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री के भाषण पर कटाक्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस पर दिए गए भाषण पर भी दानिश अली ने तंज कसा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पिछले 12 वर्षों से वही घिसा-पिटा भाषण दोहराते आ रहे हैं और इसमें जनता के वास्तविक मुद्दों पर चर्चा नहीं होती।
आरएसएस पर लगाया गंभीर आरोप
कांग्रेस नेता ने आरएसएस पर भी हमला बोला और आरोप लगाया कि संगठन ने 25 साल तक अंग्रेजों के साथ सहयोग किया। उन्होंने कहा कि 1947 में जब देश आजाद हुआ तो आरएसएस ने तिरंगा फहराने का विरोध किया था और आजादी के 52 साल बाद तक आरएसएस मुख्यालय पर तिरंगा नहीं फहराया गया।
यूपी कांग्रेस संगठन सशक्त बनाने पर जोर
दानिश अली ने बताया कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश कांग्रेस संगठन सर्जन कार्यक्रम चला रहा है। बिजनौर के आरके फार्म में आयोजित कार्यशाला में वे शामिल हुए और कार्यकर्ताओं से कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस जनता को जागरूक करने का काम कर रही है।
2027 में बीजेपी सरकार हटाने का संकल्प
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का लक्ष्य है कि 2027 के चुनाव में बीजेपी सरकार को सत्ता से बाहर किया जाए। दानिश अली ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के संविधान का हवाला देते हुए कहा कि सबसे गरीब नागरिक का वोट भी उतना ही कीमती है जितना सबसे अमीर का, लेकिन मौजूदा सरकार इसे कमजोर कर रही है।
चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल
दानिश अली ने चुनाव आयोग पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि आयोग, बीजेपी के इशारों पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद मोदी सरकार ने चीफ इलेक्शन कमिश्नर की नियुक्ति प्रक्रिया को बदल दिया, ताकि आयोग पूरी तरह से सरकार के नियंत्रण में रहे।