पिछले 30 घंटे में दोगुना हुआ जलस्तर
गंगा नदी का जलस्तर बीते 30 घंटों में तेजी से बढ़ा है। रविवार रात तक जलस्तर 70 हजार क्यूसेक था, जो सोमवार शाम को 1.40 लाख क्यूसेक पहुंच गया। मंगलवार सुबह तक यह आंकड़ा 1.62 लाख क्यूसेक से भी ऊपर चला गया। इतनी बड़ी मात्रा में पानी बहने से न केवल खेतों में पानी भर गया है, बल्कि कई इलाकों की सड़कें और बाजार भी जलमग्न हो चुके हैं।
नजीबाबाद में हालात सबसे गंभीर
बिजनौर जिले के नजीबाबाद क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति सबसे भयावह बनी हुई है। लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। कई रिहायशी इलाकों, दुकानों और बाजारों में पानी घुस चुका है। लोग घरों में कैद हो गए हैं और प्रशासन को रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए मुस्तैद रहना पड़ रहा है।
मालन नदी भी उफान पर, खतरे की घंटी
केवल गंगा ही नहीं, बल्कि बिजनौर की मालन नदी भी उफान पर है। दोनों नदियों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ की मारक क्षमता और अधिक बढ़ गई है। जिले के कई गांव जलमग्न हो चुके हैं और सड़कों पर पानी का बहाव तेज हो गया है।
सिंचाई विभाग और प्रशासन हाई अलर्ट पर
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सिंचाई विभाग और जिला प्रशासन को अलर्ट मोड पर रखा गया है। गंगा बैराज के अपस्ट्रीम में जलस्तर 221.50 मीटर और डाउनस्ट्रीम में 219.60 मीटर दर्ज किया गया है। फिलहाल गंगा कैनाल के स्लूइस-1 और स्लूइस-2 से पानी नहीं छोड़ा जा रहा है। सिंचाई विभाग ने अपने सभी कर्मचारियों को बाढ़ नियंत्रण की तैयारी में लगा दिया है।
स्थानीय लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी
मध्यगंगा सिंचाई खंड के एक्सईन ब्रजेश मौर्य ने बताया कि पहाड़ों और मैदानों में लगातार हो रही बारिश से जलस्तर में तेजी से वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि विभागीय टीमें किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। साथ ही, प्रशासन ने गंगा और मालन नदी के किनारे बसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है और सतर्क रहने की अपील की है।
बाढ़ राहत केंद्रों की तैयारी शुरू
प्रशासन ने संभावित राहत और बचाव कार्यों के लिए बाढ़ राहत केंद्रों की तैयारी भी शुरू कर दी है। मेडिकल टीमें, नावें और राहत सामग्री भी तैयार रखी जा रही हैं ताकि जरूरत पड़ने पर तत्काल सहायता पहुंचाई जा सके।