बीजापुर में डिहाइड्रेट हुए 40 जवान अस्पताल में भर्ती, 5000 जवानों के शिकंजे में हिड़मा समेत टॉप नक्सल लीडर… 60 घंटे से जारी है अभियान
40 soldiers became dehydrated: बीजापुर जिले के उसूर इलाके में फोर्स ने दो दिन पहले कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर टॉप नक्सल लीडर के जमावड़े की सूचना पर एक बड़ा ऑपरेशन लांच किया है। इस दौरान 40 से ज्यादा जवान डिहाइड्रेशन का शिकार हो गए हैं।
CG Naxal Encounter: बीजापुर जिले के उसूर इलाके में फोर्स ने दो दिन पहले कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर टॉप नक्सल लीडर के जमावड़े की सूचना पर एक बड़ा ऑपरेशन लांच किया है।सबसे बड़े ऑपरेशन के दौरान 40 से ज्यादा जवान डिहाइड्रेशन का शिकार हो गए हैं। पीड़ित जवानों को सेना के हेलिकॉप्टर से तेलंगाना के भद्राचलम के अस्पताल में शिफ्ट किया गया है। बता दें कि जवान पिछले चार दिनों से भीषण गर्मी में नक्सलियों से लोहा ले रहे हैं।
बताया जा रहा है कि यह इस साल की अब तक सबसे बड़ी मुठभेड़ होने वाली है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि 70 वर्ग किमी की पहाड़ी पर बड़ी संख्या में नक्सली मौजूद हैं। कहा जा रहा है कि उनके पास पहाड़ पर बने रहने के लिए सीमित राशन है और फोर्स के पास लगातार हेलीकॉप्टर से रसद (CG Naxal Encounter) पहुंचाई जा रही है। इससे स्पष्ट है कि फोर्स यहां निर्णायक लड़ाई की तैयारी के साथ डटी हुई है।
CG Naxal Encounter: गुरुवार शाम तक 3 नक्सली ढेर
गुरुवार शाम तक बीजापुर एसपी ने इस मुठभेड़ में तीन महिला नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि भी कर दी है। वहीं एक जवान भी घायल हुआ है। फिलहाल मृतक नक्सलियों के शव मिल चुके हैं। शवों की शिनाख्त की प्रक्रिया चल रही है। पहाड़ को तीन राज्यों की फोर्स ने दो दिन से घेर रखा है। जिस इलाके को घेरा गया है, वहां नक्सलियों के टॉप कमांडर माड़वी हिड़मा और तेलंगाना स्टेट कमेटी का सेक्रेटरी दामोदर मौजूद हैं। दोनों पर एक करोड़ रुपए या ज्यादा का इनाम है।
यह ऑपरेशन कितना बड़ा है इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय का नक्सल डेस्क सीधे इस ऑपरेशन की मॉनिटरिंग कर रहा है। राज्य के गृह मंत्री विजय शर्मा खुद पल-पल का अपडेट ले रहे हैं। बताया जा रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी गृह मंत्री विजय शर्मा के संपर्क में हैं।
CG Naxal Encounter: बड़े कैडर्स के नक्सली भी यहां मौजूद
कर्रेगुट्टा पहाड़ तक पहले आसानी से नक्सलियों की सप्लाई पहुंचती थी। अब इन इलाकों में फोर्स के कई कैंप स्थापित हो चुके हैं। इस वजह से राशन नहीं पहुंच रहा। यही कारण है कि फोर्स ने रणनीति के तहत नक्सलियों को तब घेरा है जब वे पहाड़ पर सबसे कमजोर हो चुके हैं। इस इलाके में नक्सलियों की बटालियन नंबर 1,2 समेत अन्य कंपनियां सक्रिय हैं। बड़े नेता हिड़मा, देवा, विकास समेत तेलंगाना-महाराष्ट्र-आंध्र की सेंट्रल कमेटी, DKSZCM (दंण्डकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी), DVCM (डिविजनल कमेटी मेंबर), ACM (एरिया कमेटी मेंबर), संगठन सचिव जैसे बड़े कैडर्स के नक्सली भी यहां मौजूद हैं।
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