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सब ठीक रहा तो मोहन सरकार बुधवार को होने वाली कैबिनेट में ऑर्गेनाइजेशन स्ट्रक्चर (ओएस) के प्रस्ताव को स्वीकृत कर दे सकती है। ऐसा हुआ तो कंपनियों को 14 साल बाद नए पद मिलेंगे। इससे पहले 2011 में 48 हजार पदों को स्वीकृति दी थी। तब ९१ लाख उपभोक्ता थे।
पत्रिका ने उठाया था मुद्दा
बिजली उपभोक्ताओं की असुविधाओं से जुड़े मुद्दे को पत्रिका लगातार उठाता रहा है। 12 जून को भोपाल, इंदौर, ग्वालियर समेत कई शहरों में मामूली बारिश में ही पावर कट की स्थिति बनी थी। इंदौर में 21 घंटे सप्लाई बहाल नहीं हुई। पत्रिका ने पड़ताल कर बताया था कि मशीन व मैनपावर के टोटे के कारण संकट है।
ऊर्जा मंत्री ने रखी बात तो मुख्यमंत्री दे दी सहमति
कंपनियों में पुराने अधिकारी-कर्मचारी रिटायर्ड हो रहे हैं। ऐसे में नियमित कर्मचारियों की कमी है। जिस अनुपात में उपभोक्ता बढ़े, पद स्वीकृत नहीं हुए। 75त्न काम आउटसोर्स कर्मचारियों के भरोसे है। सूत्र बताते हैं, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने इन विषयों को अफसरों के साथ सीएम डॉ. मोहन यादव के सामने रखा था। इसे देखते हुए उन्होंने ओएस के प्रस्ताव को कैबिनेट में लाने पर सहमति दे दी थी।