कैसे करता है काम
1. मैनुअल मीटर रीडिंग लेनी पड़ती है 2. मीटर के साथ टेपरिंग संभव 3. बिजली की खपत हो या न हो महीने के आखिर में बिल 4. इंटरनेट कनेक्शन नहीं 5. मीटर रीडिंग से बिल जनरेट तक की प्रोसेस मैुनअल
ज्यादा बिल आने पर शिकायत कर सकते हैं
स्मार्ट मीटर सेल प्रभारी सीके पंवार ने कहा, यदि उपभोक्ता को लगता है कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद ज्यादा राशि के बिल आ रहे हैं तो शिकायत करें। इसकी जांच की जाएगी।
भोपाल में 25 दिन में 5 प्रदर्शन, बिजली दतर का घेराव
राजधानी में बिजली के स्मार्ट मीटर को लेकर लोगों का गुस्सा बढ़ रहा है। हर रोज बढ़े बिलों की ढेरों शिकायतें आ रही हैं। इसके विरोध में पिछले 25 दिन में 5 प्रदर्शन हो चुके हैं।
साइबर अटैक की आशंका
स्मार्ट मीटर लगाने का ठेका सऊदी अरब की कंपनी को मिला है। इसमें कुछ पाकिस्तानी कर्मचारी कार्य कर रहे हैं। इसलिए स्मार्ट मीटरों के जरिए साइबर अटैक की आशंका है। इस पर डिप्टी चीफ इंजीनियर परिहार ने कहा कि मामले की जांच हो रही है।
छूट के लाभ का दावा
● 1.24 लाख 701 स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को मासिक बिल में टाइम ऑफ डे की छूट मिली। ● जुलाई 2025 में कुल 01 करोड़ 08 लाख 59 हजार 082 रुपये की छूट मिली। ● भोपाल शहर के 88 हजार 180 उपभोक्ताओं को 78 लाख 65 हजार 444 रुपए की टीओडी छूट मिली। ● प्रति उपभोक्ता के हिसाब से यह 90 रुपए प्रतिमाह रही। ● सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक उपयोग की गई बिजली पर टीओडी में 20 प्रतिशत की छूट है।
कैसे करता है काम
● उपाय एप से देख सकते हैं घर का लोड ● मीटर में केडब्ल्यू बताता है पूरा लोड ● केडब्ल्यूएच खपत (यूनिट) बताता है, यानी कितने किलोवॉट का लोड है ● उपाय एप का इंडिकेटर बताता है किस-समय, कौन उपकरण चलाए गए ● हरी लाइन बताती है उस दौरान कितनी बिजली खपत हुई ● सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक की बिजली पर 20% की छूट
स्मार्ट मीटर और इलेक्ट्रॉनिक मीटर का अंतर
1. इलेक्ट्रॉनिक मीटर रीडिंग मैनुअल रूप से नोट करना पड़ता है। स्मार्ट मीटर वायरलेस तकनीक से कंपनी के सर्वर पर रियल टाइम डेटा भेजता है। कंपनी और उपभोक्ता दोनों को खपत की सटीक जानकारी मिलती है। 2. इलेक्ट्रॉनिक मीटर में बिलिंग की प्रक्रिया मासिक है, रीडिंग में देरी या गलती होने पर अनुमानित बिल बनता है। उपभोक्ता मोबाइल रिचार्ज की तरह मीटर को रिचार्ज कर सकता है। 3. इलेक्ट्रॉनिक मीटर में उपभोक्ता अपनी खपत को ट्रैक कर सकता है, जबकि स्मार्ट मीटर में बिजली की खपत को ट्रैक करने के साथ ही किस समय कौन सा उपकरण कितनी बिजली खर्च कर रहा है इसकी जानकारी मिलती है।
4. इलेक्ट्रॉनिक मीटर में छेड़छाड़ करके खपत को कम दिखा दिया जाता है। लेकिन स्मार्ट मीटर में किसी भी तरह की छेड़छाड़ का पता तुरंत बिजली कंपनी को चल जाता है। 5. इलेक्ट्रॉनिक मीटर में अनुमानित बिल जैसी समस्याएं हैं। स्मार्ट मीटर बिजली कटौती या आउटेज की जानकारी कंपनी को तुरंत देता है। इससे सेवा बहाली में कम समय लगता है।
सफाई देते अफसरों ने दिया जवाब
स्मार्ट मीटर सटीक बिजली खपत बताने वाला आधुनिक उपकरण: इंजीनियरों ने कहा- स्मार्ट मीटर से उपभोक्ता बिजली खपत पर नियंत्रण कर सकता है। भोपाल सिटी सर्कल के उप मुय महाप्रबंधक बीबीएस परिहार ने बताया कि शहर में अब तक 1.96 लाख स्मार्ट मीटर लग चुके हैं। स्मार्ट मीटर में दिन के टैरिफ में मिल रही 20 फीसदी की छूट का 88 हजार उपभोक्ताओं ने लाभ उठाया। और 78.65 लाख रुपए की छूट ली। इस तरह प्रति उपभोक्ता 90 रुपए की छूट मिल रही है। 1. इंटरनेट से कनेक्शन 2. हर 15 मिनट में फोन पर बिजली कंजप्शन अपडेट 3. हैक और टेपरिंग की गुंजाइश न के बराबर 4. मीटर रीडिंग और बिल जेनरेशन का काम ऑटोमैटिक 5. जितना रिचार्ज, उतना बिजली का इस्तेमाल