नहीं मिली रेरा की अनुमति
यहां 1-2-3 बीएचके के करीब 500 फ्लैट हैं, लेकिन रेरा से अनुमति नहीं मिलने के कारण बुकिंग ही शुरू नही हो सकी है। दरअसल प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत नगर निगम ने शहर में कई प्रोजेक्ट पर काम किया। इसका उद्देश्य अधिकतम लोगों को आवासीय यूनिट दिलाना था। दूसरे चरण के प्रोजेक्ट में आवासीय और व्यवसायिक यूनिट रहेगी। इसके लिए कुछ स्थानों का भी चयन किया है, लेकिन इन तैयारियों के बीच पहले चरण के अधूरे प्रोजेक्ट के कारण परियोजना की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। पीएम आवास योजना के तहत शिप्रा परिसर का काम तेजी से चल रहा है। दो तीन महीने में ये पूरा हो जाएगा। हमारा काम सिर्फ पेंटिंग और फिनिशिंग का बचा है, लेकिन रेरा में प्रोजेक्ट अटका है। रेरा से अनुमति मिलते ही बुकिंग शुरू हो जाएगी। हम पजेशन देने तक की स्थिति में हैं। डीआर लोधी, अधीक्षण यंत्री, पीएम आवास योजना
बदहाल हो चुके कुछ हैंडओवर प्रोजेक्ट
लाइट हाउस प्रोजेक्ट, अरावली परिसर सहित कुछ अन्य प्रोजेक्ट में पानी लीकेज, सुरक्षा और बिजली बैकअप जैसी गंभीर समस्याएं हैं। रहवासियों का आरोप है, मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। प्रोजेक्ट को हैंडओवर कर दिया, लेकिन संचालन सुचारू नहीं हुआ। नगर निगम यहां व्यवसायिक यूनिट शुरू करना चाहता है। एमआइसी बैठक में इसका एजेंडा रखा था, लेकिन उस पर निर्णय होल्ड है।
एक साल ठप रहा काम
पहले चरण में नगर निगम ने शहर के विभिन्न क्षेत्रों में बहुमंजिला आवासीय परियोजनाएं शुरू की थीं। इसमें सतपुड़ा परिसर का काम अधूरा है। बुकिंग के बाद डेढ़ साल में भी फ्लैट का पजेशन नहीं मिल सका। ऐसा इसलिए क्योंकि तत्कालीन ठेकेदार दिवालिया हो गया था। उसने काम करने से इनकार कर दिया। निगम ने फिर टेंडर जारी कर नई एजेंसी को काम दिया। इस दौरान एक साल काम ठप रहा।