सिया विवाद के बाद पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. नवनीत मोहन कोठारी और एप्को की कार्यपालन संचालक आर उमा माहेश्वरी को हटा दिया गया है। डॉ. कोठारी को अब राज्यपाल का प्रमुख सचिव बनाकर राजभवन में नियुक्त किया गया है।
राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव केसी गुप्ता को राजभवन से हटाकर कुटीर और ग्रामोद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव के रूप में पदस्थ किया गया है। अन्य अनेक वरिष्ठ अफसरों को अतिरिक्त प्रभार सौंपे हैं।
चंद्रमौलि शुक्ला को मुख्यमंत्री के अपर सचिव का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। वे वर्तमान दायित्वों के साथ यह जिम्मेदारी भी निभाएंगे। अपर मुख्य सचिव अशोक बर्णवाल को अपर मुख्य सचिव पर्यावरण विभाग, पर्यावरण आयुक्त और महानिदेशक एप्को का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया है। दीपक आर्य को कार्यपालन संचालक पर्यावरण नियोजन और समन्वय संगठन एप्को का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। केसी गुप्ता के अपर मुख्य सचिव कुटीर और ग्रामोद्योग का कार्यभार संभालने के बाद अमित राठौर इसके अतिरिक्त प्रभार से मुक्त होंगे। उमा माहेश्वरी आर को ओएसडी सह संचालक भारतीय चिकित्सा पद्धति और होम्योपैथी की जिम्मेदारी दी गई है।
बता दें कि स्टेट एन्वायरनमेंट इम्पैक्ट असेसमेंट अथॉरिटी (सिया) के चेयरमैन व अफसरों के बीच ढ़ाई महीने से विवाद चल रहा था। राज्य व केंद्र के जिम्मेदार अफसर भी वाकिफ थे लेकिन कार्रवाई की पहल किसी भी स्तर से नहीं की गई। इसका नतीजा यह हुआ कि सिया से मिलने वाली पर्यावरणीय अनुमति से जुड़े कई सरकारी व निजी प्रोजेक्ट लंबित हैं। जनमानस में भ्रष्टाचार वाली छवि भी बन गई थी। उम्मीद जताई गई थी कि विदेश यात्रा से लौटकर सीएम डॉ. मोहन यादव (CM Mohan Yadav) के हस्तक्षेप के बाद मामले का पटाक्षेप हो जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव जब दुबई में थे तब पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. कोठारी और सिया के चेयरमैन एसएन चौहान के बीच चल रहे विवाद के बीच दफ्तर में ताला लगा दिया गया था। चेयरमैन ने मामले की शिकायत चीफ सेक्रेटरी से की थी।