डेड लाइन के दो दिन पहले अमित शाह ने की अनुशंसा
डेडलाइन के दो दिन पहले शाह ने थोकबंद अनुशंसा की, लेकिन आदेश जारी नहीं हुए। मंत्रियों और अफसरों की लेटलतीफी के कारण कर्मचारी परेशान रहे। एक से दूसरे नेताओं, मंत्रियों व अफसरों तक चक्कर काटते रहे। अब आज मंगलवार शाम तक का समय है। इसे लेकर कर्मचारियों की धकड़नें तेज हैं। हालांकि शिक्षा, लोक निर्माण और लोक स्वास्थ्य जैसे विभागों में तबादला एक्सप्रेस समय पर दौड़ती रही।
पुरानी तारीख में निकाले जा रहे आदेश
विभागों को 30 मई तक ही तबादले करने थे, लेकिन इस तारीख तक 75 फीसदी विभागों ने सिंगल आदेश जारी नहीं किए और पिछले मंगलवार हुई कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री से डेडलाइन बढ़वाने के लिए अड़ गए। सूत्रों के मुताबिक तब भी मुयमंत्री ने ऐसे मंत्रियों को हिदायत दी थी कि 30 मई को अंतिम तारीख मानकर तबादले करें। इस हिदायत के बावजूद 9 जून की दोपहर तक विभाग व कुछ जिले फाइलें लेकर बैठे रहें। सूत्रों के मुताबिक अब पुरानी तारीखों में आदेश जारी करवा रहे हैं। संभवत: यह सिलसिला अगले एक सप्ताहतक जारी रह सकता है।
यहां दौड़ीं फाइलें
लोक निर्माण, स्कूल शिक्षा, लोक स्वास्थ्य जैसे विभागों में कई सूचियां आ चुकी हैं। तबादला किए गए50 फीसदी कर्मचारियों ने तो नए स्थानों पर आमद भी दे दी। 10 के बाद भी तबादले
हालांकि स्कूल शिक्षा जैसे कुछ विभागों की अपनी तबादला नीति है। इसके तहत 10 जून के बाद भी तबादले होने हैं। स्कूल शिक्षा ने सबसे पहले तबादले की तारीख 23 मई तय की थी, जिसे बढ़ाकर 16 जून कर दी है। कुछ और विभागों ने तारीखें बढ़ाई है। हालांकि 75% विभागों में सामान्य प्रशासन की तबादला नीति लागू है।
नाराजगी वाले बैठे रहे
मोहन सरकार में यह पहली तबादला नीति है। इसे एक मई से लागू किया गया। इसके पहले जब नीति नहीं आई थी तब, कुछ मंत्रियों ने कार्यकर्ता और कर्मचारियों द्वारा तबादला नीति की मांग किए जाने का हवाला देकर सत्ता व संगठन के सामने नाराजगी व्यक्त की थी। कर्मचारी भी एक तरह से चिढ़े हुए थे, क्योंकि बीते चार वर्षों से तबादले नहीं हुए थे। जब सरकार ने तबादला नीति जारी कर दी, तब भी कई मंत्री और अफसर कर्मचारियों के आवेदन अंतिम समय तक दबाकर बैठे रहे।
इन विभागों में स्थानांतरण नहीं
कर्मचारियों से बातचीत और विभागीय पोर्टल पर जारी किए जाने वाले आदेशों की पड़ताल के अनुसार वन, राजस्व, जनजातीय कार्य, उच्च शिक्षा जैसे विभागों में तबादले ही नहीं किए।