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भोपाल

विजय शाह पर विपक्ष का घमासान, तो उधर गोविंद सिंह पर भड़के भूपेंद्र, आदिवासी जमीन पर कब्जे का मामला

शझ ळाैे पूर्व मंत्री भूपेंद्र का आरोप: गोविंद सिंह का 20 एकड़ सरकारी जमीन पर कब्जा
राजस्व मंत्री करण सिंह ने कहा: कब्जा हटाकर जमीन नगर पालिका को सौंपी जमीन

भोपालAug 02, 2025 / 08:26 am

Sanjana Kumar

MP News politics

(Imagae Source: patrika/social media)

MP News: आदिवासियों से उनकी जमीनें छीनने का मामला सदन में आया। विधानसभा में मानसून सत्र के पांचवें दिन शुक्रवार को इसे पूर्व मंत्री एवं खुरई विधायक भूपेंद्र सिंह ने ध्यानाकर्षण के दौरान उठाया। कहा कि गोविंद सिंह ने 20 एकड़ सरकारी जमीन पर कब्जा किया। गोविंद सिंह राजपूत पिता बलवंत सिंह राजपूत मालथौन ने अन्य लोगों के साथ जमीनों पर कब्जे किए। आरोप लगाए कि इनके परिवार के लोगों ने 50 एकड़ जमीन पर आदिवासी समाज को डरा-धमकाकर रजिस्ट्री कराई। मालथौन तहसील में 10 हजार परिवार आदिवासी जनजाति के हैं।
कई लोगों द्वारा उनकी भूमि पर या तो कब्जा कर लिया है या दबाव बनाकर रजिस्ट्री करा ली। भूपेंद्र ने इसके अलावा 500 एकड़ जमीन पर कई लोगों द्वारा कब्जे किए जाने के आरोप भी लगाए और ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। इस पर राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने कहा कि जिनके अवैध कब्जे पाए गए, उनके कब्जे हटाकर नगर पालिका को सौंप दिया है। बाकी पर कार्रवाई कर रहे हैं। मंत्री ने सदन को बताया कि गोविंद सिंह राजपूत निवासी मालथौन के खिलाफ अपराध भी दर्ज हैं।

जांच की मांग पर अड़े

भूपेंद्र मामले की जांच कराने पर अड़ गए। कहा, अलग से अधिकारी नियुक्त कर मामले की जांच कराई जानी चाहिए। भू-राजस्व संहिता की धारा 165 के तहत आदिवासियों की जमीन खरीद ली जाती है। आदिवासियों को जमीनें पट्टे पर मिली है उन्हें दबाव बनाकर, लालच देकर या कर्ज में फंसाकर खरीदी जा रही है। उत्तर संतोषजनक नहीं: भूपेंद्र ने कहा कि जवाब संतोषजनक नहीं लग रहा। मंत्री ने कहा कि नियम है, प्रावधान है। इसको धारा 165 में अनुमति दी जाती है। अनुसूचित जनजाति की जमीन में 165 की अनुमति के कारण ही नामांतरण होता है, नहीं तो नामांतरण नहीं होता। अंत में मंत्री ने भरोसा दिया कि एक वरिष्ठ अधिकारी भेजकर जांच कराई जाएगी।

रेंजर, डिप्टी रेंजर व नाकेदार वन भूमि पर खेती करा रहे

प्रश्नकाल में भाजपा विधायक उमाकांत शर्मा ने कहा कि रेंजर, डिप्टी रेंजर व नाकेदार भ्रष्टाचार कर वन भूमि पर खेती करवा रहे हैं। सवाल पूछो तो गलत जानकारी दी जा रही है। शर्मा ने बतौर प्रमाण फोटो दिखाए। मामला वन परिक्षेत्र उत्तर दक्षिण, सामान्य वनमंडल विदिशा का है। जमीन वन विभाग ने राज्य वन विकास को दी है। उन्होंने पूछा, गलत करने वालों पर कब तक कार्रवाई होगी। वन राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार ने कहा, शिकायत के आधार पर कार्रवाई की है। 4 अफसर-कर्मी की गलती मिली है। कुछ पर कार्रवाई की है। पेंशन से राशि काट रहे हैं। अभी करीब 28 लाख बकाया भी हैं। जो दोषी होगा, उसे बक्शेंगे नहीं।

विजय शाह के पहुंचते ही विपक्ष ने किया हंगामा

मानसून सत्र में शुक्रवार को मंत्री विजय शाह भी पहुंचे। कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिए बेशर्म बयान के खिलाफ विपक्षी दल ने हंगामा किया। विधायक गर्भगृह तक पहुंचे। शाह के इस्तीफे की मांग पर अड़ गए। अध्यक्ष की समझाइश नहीं मानी तो कार्यवाही दोपहर 1 बजे तक स्थगित कर दी गई। कार्यवाही फिर शुरू हुई तब शाह सदन से जा चुके थे। विपक्षी दल ने दोबारा आपत्ति दर्ज कराई। आरोप दोहराए। गर्भगृह तक पहुंचे।

सोमवार सुबह 11 बजे तक विधानसभा कार्यवाही स्थगित

सत्तापक्ष की ओर से सेना का अपमान करने व पाकिस्तान-चीन के दलाल होने के आरोप लगाए। व्यवधान के चलते अध्यक्ष ने दोपहर 1.24 बजे कार्यवाही सोमवार सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दी। सदन की शुरुआत में कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने गैस पीडि़तों से जुड़े सवाल पूछे थे। शाह जवाब देने खड़े हुए। कहा- उत्तर पटल पर है, वैसे ही कांग्रेस विधायक फूल सिंह बरैया ने कहा कि सेना का अपमान करने वाले मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए।

उमंग बोले ऐसे मंत्री कहां गायब हो गए

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा, ऐसे मंत्री कहां गायब हो गए शाह उमंग ने सदन में सीएम की ओर मुखातिब होते हुए कहा कि आपको जवाब देना चाहिए। कार्यवाही दोपहर 1.1 बजे दोबारा शुरू हुई तो शाह सदन में नहीं थे। उमंग ने पूछा, शाह कहां गायब हो गए। कहने लगे कि यह भाजपा का कैसा राष्ट्रप्रेम है, मंत्री को तत्काल बर्खास्त करना चाहिए। को बर्खास्त नहीं करेंगे। यह राष्ट्र भक्त की बात करते हैं। उमंग ने सदन से बाहर मीडिया से चर्चा में कहा, कोर्ट का हवाला देकर सरकार बचाना चाहती है।

कांग्रेस ने किया था सेना का अपमान

विपक्ष के जवाब में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, कांग्रेस ने सेना का अपमान किया था। ये सेना का अपमान करने वाले लोग सेना की शौर्य पर प्रश्नचिह्न लगाने वाले लोग हैं। किस मुंह से बोल रहे हैं, जो पार्टी पाकिस्तान व चीन की भाषा बोलती है, जो ट्रंप के टैरिफ का समर्थन करती है, उस पार्टी को क्या हक है जिसने सेना के शौर्य पर प्रश्नचिह्न लगाया। इन्हें तो बोलने का अधिकार नहीं है। ये चीन और पाकिस्तान के दलाल हैं, लज्जा आनी चाहिए।

ये आदिवासी भाइयों के विरोधी

संसदीय कार्य मंत्री विजयवर्गीय ने कहा, जनजातियों का मामला और उनकी समस्या की बात हो रही और जनजातीय नेता आंदोलन कर रहे हैं, ये लज्जा की बात है। जनजातीय लोगों की जमीन बचाने के लिए ध्यानाकर्षण हमारे साथी भूपेन्द्र सिंह लाए, पर एक जनजातीय नेता सहयोग नहीं कर रहे। जनजातियों के विरोधी सही में ये लोग हैं, ये पार्टी है। आदिवासी भाइयों की विरोधी है।

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