रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा
ग्वालियर, उज्जैन और जबलपुर में मेट्रो के संचालन के लिए कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान सर्वे कराया। जिसमें सामने आया है कि जबलपुर और उज्जैन में मेट्रो के संचालन के लिए पर्याप्त पैंसेजर नहीं हैं। वहीं, ग्वालियर में लाइट मेट्रो के प्लान पर सरकार विचार कर सकती है।
दरअसल, मेट्रो चलाने के लिए प्रति पीक ऑवर में 20 हाजर पैसेंजर यूनिट होना जरूरी है। जो कि उज्जैन और जबलपुर में नहीं। इन शहरों में 14-15 हजार के करीब पैसेंजर मुख्य सड़कों पर निकल रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इन दोनों शहरों में मेट्रो के संचालन के लिए 7-10 साल तक वक्त लग सकता है। क्योंकि जब आबादी बढ़ेगी तो सड़कों पर लोग दिखेंगे। उसी रिपोर्ट के आधार पर मेट्रो को चलाने की प्रक्रिया प्रांरभ हो सकती है।
जबलपुर और उज्जैन में बनाए जाएं ब्रिज-कॉरिडोर
मोबिलिटी प्लान में सर्वे कंपनी द्वारा सरकार को सुझाव दिया गया है कि उज्जैन और जबलपुर शहर के रूटों पर एलिवेटेड कॉरिडोर, ब्रिज या बीआरटीएस जैसी दूसरी सुविधाएं दी जा सकती है।