इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि जब तक अगली सुनवाई नहीं की जाए। तब तक हेमंत कटारे की गिरफ्तार नहीं की जाए। वहीं, हेमंत कटारे को जांच में सहयोग करने के लिए कहा गया है।
क्या है पूरा मामला
जनवरी 2018 में कांग्रेस विधायक हेमंत कटारे के ऊपर भोपाल में ही पत्रकारिता की डिग्री कर रही छात्रा ने दुष्कर्म, किडनैपिंग और धमकाने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी। फरवरी में पीड़िता के द्वारा दावा किया गया कि दोस्ती के बहाने कटारे ने कई शारीरिक शोषण किया। उस दौरान इसका एक वीडियो भी वायरल हुआ था। फिर मार्च में कटारे ने आरोप लगाया कि उन्हें पीड़िता झूठे केस में फंसाकर ब्लैकमेलिंग और फिरौती मांग रही है। उन्होंने पीड़िता पर केस दर्ज कराया। अप्रैल में मीडिया से बातचीत में पीड़िता ने कहा कि उसने कटारे पर झूठे आरोप लगाए थे। हेमंत कटारे निर्दोष हैं। मई 2019 में हेमंत कटारे पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली छात्रा ने आत्महत्या कर ली। दिसंबर 2024 में हाईकोर्ट ने हेमंत कटारे को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दे दी। हालांकि, उन्हें जांच में सहयोग करने के लिए कहा गया था। जनवरी 2025 में मध्यप्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए विशेष अनुमति याचिका दाखिल की। 4 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने मामले की दोबारा जांच के आदेश दिए हैं।