अधिकारी इसलिए सुनवाई नहीं करते
नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी ने नगर परिषद की बैठक में आरोप लगाया था कि नगर निगम में पिछले कई सालों से एक ही विभाग में इंजीनियर अधिकारी और कर्मचारी जमे हुए हैं। भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है और जनप्रतिनिधियों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है।10 से 25 साल तक नौकरी करने वालों पर गाज
इंजीनियर लालजी चौहान ने वर्ष 2010 से अब तक बिल्डिंग परमिशन सेल में ही पूरी नौकरी की। एई महेश सिरोहिया ने 22 साल, राजाराम अहिरवार ने वर्ष 2003 से अब तक, नंदकिशोर डेहरिया ने भी 2003 से अब तक एवं डीके सिंह राजधानी परियोजना प्रशासन से प्रतिनियुक्ति पर आकर वर्ष 2018 से अब तक एक ही विभाग में जमे हैं। इसी प्रकार सब इंजीनियर गोपी लाल चौधरी 22 साल से, अंकित शाक्य, अमित दुबे, श्रीपदा दीक्षित ने 2018 में नौकरी ज्वाइन करने के बाद भवन अनुज्ञा से संबंधित काम संभाले हुए हैं। एक ही विभाग में जमे बाबुओं में सुनील जैन 30 साल, राकेश लहरिया 30 साल, मोहमद साबिर 20 साल, तपेंद्र सिंह 10 साल, रामचरण मालवीय 15 साल, सरिता बर्वे 22 साल, साधु प्रसाद खंडित 22 साल, सिद्दीकी हसन को 25 वर्ष का समय एक ही विभाग में हो चुका है।अब होगा बदलाव
जोनल अफसरों के प्रभारों में परिवर्तन किया गया है। एक ही विभाग में बरसों से जमे अन्य स्टाफ भी बदला जाएगा। –हरेंद्र नारायण, निगमायुक्त ये भी पढ़ें: जहरीली हुई मूंग, लोगों ने खरीदना किया बंद, एक्सपर्ट ने बताई बड़ी वजहये भी पढ़ें: पश्चिमी विक्षोभ, टर्फ-साइक्लोनिक सर्कुलेशन का अटैक, एमपी पर भारी अगले तीन दिन, 45 से ज्यादा जिलों में अलर्ट