बताया जा रहा है कि, इन स्कूलों के पास भूमि दस्तावेज न होने के कारण इनकी मान्यता रद्द की गई है। मान्यता रद्द किए जाने वाले कुछ स्कूल संचालकों के पास स्कूल के मापदंडों के तहत पर्याप्त भूमि नहीं थी तो कुछ के पास रजिस्ट्री के कागजों की कमी पाई गई, जिसके चलते विभाग द्वारा ये कार्रवाई की गई है।
50 स्कूलों और लटकी तलवार
दरअसल, प्रदेश में कक्षा 9वीं से 12वीं तक के स्कूलों की मान्यता प्रक्रिया में पहला आवेदन संभागीय संयुक्त संचालक के पास जाता है। संभाग संयुक्त संचालक से मंजूरी नहीं मिलने के बाद दूसरी अपील विभागीय मंत्री के पास जाती है। 350 निजी स्कूलों की मान्यता संबंधी प्रकरण विभागीय मंत्री के पास पहुंचे थे। जिनमें से सिर्फ 50 स्कूलों को मान्यता मिली, जबकि 50 स्कूलों की मान्यता होल्ड की गई है। जबकि, 250 निजी स्कूलों की मान्यता रद्द ही कर दी गई है, इनमें राजधानी भोपाल के 12 स्कूल भी शामिल हैं, जिनमें अंकुर हायर सेकेंडरी, सेवन हिल्स, प्रीति हायर सेकेंडरी, राजपुष्पा, पार्थ और ज्ञान कृष्णा स्कूल जैसे नाम प्रमुख हैं।