न्यूनतम वेतन हो 21,000
प्रदर्शन में शोषणकारी नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। कर्मचारियों ने शासन और विभाग का ध्यान आकर्षित करते हुए मुख्यमंत्री और श्रम मंत्री को ज्ञापन सौंपा। संघ के अध्यक्ष कोमल सिंह ने कहा कि कर्मचारियों के लिए एक ठोस और स्थायी नीति बनाई जाए और उनका न्यूनतम वेतन 21,000 निर्धारित किया जाए।
आंदोलन की चेतावनी
अध्यक्ष कोमल सिंह ने कहा कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं, तो अगले माह प्रदेशव्यापी आमरण अनशन और आंदोलन किया जाएगा। इस दौरान कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह कौरव ने बताया कि प्रदेश में 30 हजार से अधिक आउटसोर्स कर्मचारी विभिन्न सरकारी अस्पतालों में कार्यरत हैं, लेकिन निजी एजेंसियां मनमानी कर रही हैं। एनएचएम संविदा लैब टेक्नीशियन संघ के प्रदेश अध्यक्ष राहुल श्रीवास्तव ने बताया कि कर्मचारियों को 60-70% ही वेतन मिल रहा है और कई जिलों में 4-5 महीने से भुगतान नहीं हुआ है।