पर्यावरणविदों का आरोप है कि तालाब के कैचमेंट में बने रसूखदारों के कब्जों (illegal encroachments) को बचाने के लिए ये एक्सरसाइज चल रही है। विधानसभा में भी तालाब के अंदर निर्माणों के मामले में विपक्ष निगम की बिल्डिंग परमिशन शाखा पर सवालिया निशान लगा चुका है।
कैचमेंट में कब्जों को संरक्षण देने का खेल
पर्यावरणविद (Environmentalist) एवं याचिकाकर्ता सुभाष सी पांडे ने खुलासा किया कि फुल टैंक से पहले बांध के गेट खोलने का सीधा अर्थ उन अतिक्रमणों को संरक्षण है जो तालाब और बांध के कैचमेंट में किए गए। लंबे समय से कब्जों की गतिविधियां जारी हैं। एनजीटी के आदेश के बाद भी कोई खास कार्रवाई नहीं हुई। इसका सीधा असर जलीय जीवों और बायोडायर्सिटी पर पड़ेगा। राजनैतिक दबाव में कैचमेंट पर कब्जों की साजिश का यह हिस्सा हो सकता है। उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। ताकि हकीकत सामने आए। इसमें बड़े रसूखदारों का हाथ हो सकता है।
स्टीन एक्साइज का नाम दिया
शहर में पिछले तीन दिन से लगातार बारिश हो रही थी है। लगातार बारिश के चलते मंगलवार को यहां के दो गेट खोले थे, बुधवार सुबह से बारिश का दौर थम गया है, लेकिन इसके बाद भी बुधवार को दोपहर तक यहां के दो गेट खोले गए। इस दौरान 3.97 एमसीएफटी मिलियन क्यूब फीट पानी बहाया गया।
लगातार बारिश से बढ़ा कलियासोत का जलस्तर
मंगलवार को कलियासोत का जलस्तर 502.90 पर पहुंच गया था, इसके बाद दो गेट खोले गए और जलस्तर 502.75 पर पहुंच गया। इसके बाद बुधवार को भी दो गेट खोल दिए गए और जलस्तर 502.30 मीटर पर पहुंच गया, जबकि कलियासोत का फुल टैंक लेवल 505.67 मीटर है। ऐसे में फुल टैंक लेवल के लिए अब भी तीन मीटर पानी की आवश्यकता है। लगातार बारिश के बाद बड़े तालाब के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। मंगलवार को बड़े तालाब का जलस्तर लगभग दो फीट बढ़ा था और बुधवार को इसमें और डेढ़ फीट की बढ़ोतरी हो गई। इस तरह पिछले तीन दिनों में बड़े तालाब का जलस्तर साढ़े तीन फीट तक बढ़ गया है। बुधवार को बड़े तालाब का जलस्तर 1663.30 फीट पर पहुंच गया, जबकि फुल टैंक लेवल 1666.30 है। इस तरह फुल टैंक लेवल के लिए तीन फीट की आवश्यकता है। ऐसे में आने वाले दिनों में भदभदा के गेट खुल सकते हैं।