तहसीलदार ने प्रतिवेदन बनाकर कार्रवाई करने का किया उल्लेख
पुराना कब्जा बताकर सही साबित करने की कोशिश मछली परिवार को प्रशासन की ओर से पक्ष रखने के लिए बुलाया था। मामले में जमीन पर पुराना कब्जा बताकर बचने की कोशिश भी हुई। इसके बाद तहसीलदार अनुराग त्रिपाठी ने प्रतिवेदन बनाकर कार्रवाई करने का उल्लेख दर्ज किया।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया 15 दिन का समय
अनंतपुरा पटवारी हल्का नंबर 37 में खसरा क्रमांक 110 में रकबा 7.880 हेक्टेयर छोटे झाड़ का जंगल के तौर पर अभिलेख में दर्ज शासकीय भूमि पर निर्णय दिया था। सुप्रीम कोर्ट का ये आदेश सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 142 का हवाला दिया और माना कि अगर कानून का पालन किए बिना एक घर भी गिराया जाता है, तो यह असंवैधानिक है। कोर्ट ने दिशा निर्देश दिए कि भूमि मालिक या अधिभोगी को कम से कम 15 दिन पहले विस्तृत कारण बताते हुए सूचना दी जानी चाहिए कि मकान क्यों तोड़ा जा रहा है। संपत्ति गिराने के फैसले का कारण बताने का भी कहा।