एमपी में हैं 11 लाख मरीज
गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) के केस अध्ययन में प्रत्येक 10 मधुमेह मरीजों में से छह डायबिटिक रेटिनोपैथी, मैक्युलर एडिमा, कैटरेक (मोतियाबिंद) और ग्लूकोमा जैसी आंख की गंभीर बीमारी ग्रस्त पाए जा रहे हैं। समय पर इनका उपचार नहीं करने पर आंख की रोशनी छिन जाने का खतरा होता है। नेशनल हेल्थ मिशन के स्क्रीनिंग के अनुसार
मध्यप्रदेश में कुल 11 लाख मधुमेह के मरीज हैं। जीएमसी से संबद्ध अस्पताल के वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. एसएस कुबेर ने बताया कि मधुमेह के मरीजों में 40 वर्ष की उम्र में ग्लूकोमा के मामले तेजी से बढ़ रहे है। पहले 50 वर्ष के लोगों को होती थी।
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● बार-बार चश्मा का पावर बदना ● आंखों में खुजली ● आंखों आंसू बहना
● रह-रहकर सिर दर्द होना
ये बचाव के उपाय
● हर मधुमेह मरीज को साल में आंखों की जांच करवानी चाहिए। ● मधुमेह के नियंत्रण के लिए संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और तनाव से मुक्त रहें। ● धुम्रपान-शराब से परहेज करें। इससे आंखों की सेहत और डायबिटीज को बेकाबू होती है। डॉ. कविता कुमार, नेत्र विभागाध्यक्ष, जीएमसी का कहना है कि लंबे समय तक मधुमह रहने से आंखों की नसों से रक्त का रिसाव होने लगता है। इस कारण धीरे-धीरे आंख से कम दिखाई देने लगता है।