High Court gave a big decision for guest teachers of MP प्रतीकात्मक तस्वीर : Gemini)
Hamare Shikchak- मध्यप्रदेश में शिक्षकों की अटेंडेंस के लिए विशेष तौर पर तैयार कराए गए ऐप पर बवाल थम नहीं रहा है। प्रदेशभर में इसका जबर्दस्त विरोध हो रहा है लेकिन शिक्षा विभाग और लोक शिक्षण संचालनालय अपने रुख से टस से मस नहीं हो रहा। गहमागहमी के इस माहौल में अटेंडेंस एप “हमारे शिक्षक” पर बड़ा अपडेट सामने आया है। शिक्षकों ने आरोप लगाया है कि यह मोबाइल एप्लीकेशन पाकिस्तानी, चीन और बांग्लादेश के इंजीनियरों ने मिलकर तैयार किया है। इससे न केवल लाखों शिक्षकों के डाटा लीक होने का खतरा है बल्कि एप के माध्यम से राष्ट्रीय सुरक्षा से भी खिलवाड़ किया जा सकता है। शिक्षकों ने प्रदेशभर में विधायकों को यह बात बताते हुए उनके माध्यम से सीएम मोहन यादव को इस तथ्य से अवगत कराने को कहा है। इस गंभीर आरोप के बाद शिक्षा विभाग की अभी तक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
विदिशा के अतिथि शिक्षकों ने हमारे शिक्षक मोबाइल एप्लीकेशन का विरोध करते हुए प्रदेशभर के शिक्षकों को व्हाट्सएप पर ज्ञापन भेजा है। इसमें कहा गया है कि मध्य प्रदेश के “हमारे शिक्षक” एप को पाकिस्तानी इंजीनियर ने बनाया है।
अतिथि शिक्षकों का कहना है कि प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा यह काम National Informatics Centre, India यानि NIC एनआइसी को दिया गया जिसने एक अन्य कंपनी यूनी कॉपस को टेंडर दे दिया। इस कंपनी ने भी थर्ड पार्टी median dot co को हायर किया जिसे पाकिस्तानी इंजीनियर लीड करते हैं। चीन और बांग्लादेश के इंजीनियर उन्हें सपोर्ट करते हैं।
व्हाट्सएप पर प्रसारित संदेश मे कहा गया है कि हमारे शिक्षक एप में 400000 से ज्यादा कर्मचारियों का डाटा है जोकि लीक हो सकते हैं। इस आधार पर एप को देश की सुरक्षा में भी बड़ी चूक बताया जा रहा है।
अतिथि शिक्षकों के ज्ञापन में कंपनी के चार सबसे बड़े अधिकारियों के नाम बताए गए हैं:-
हुनैद हसन डायरेक्टर ऑफ इंजीनियरिंग मूल पाकिस्तान
अब्दुल्ला अबुल हुसैन सॉफटवेयर इंजीनियर मूल बंग्लादेशी
वायन ही चीफ टेक्नोलॉजी ऑफीसर मूल चीनी
टायलर ली अकाउट एक्जीक्यूटिव मूल चीनी
व्हाट्सएप पर दिए ज्ञापन में लिखा है कि हमारे शिक्षक एप में सभी शिक्षकों का नाम, मां-पिता का नाम, जन्म दिनांक के अलावा उनका चेहरा, आधार से लिंक समग्र आईडी, खाता क्रमांक जैसे निजी दस्तावेज भी फीड है। पाकिस्तान से जुडी कंपनी का होने से यह गंभीर मामला बन गया है। विदिशा के अतिथि शिक्षकों ने अन्य सभी शिक्षकों को अपने स्थानीय विधायक के माध्यम से ज्ञापन को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव तक पहुंचाकर हकीकत से रूबरू कराने को कहा है।
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