कई जिलों में एडीएम स्तर के अधिकारी नहीं है, उक्त पद का जिम्मा दूसरे अफसरों को देना पड़ा है, जिसके कारण सामान्य कामकाज तो चल रहा है लेकिन एडीएम कोर्ट में सुनवाई बंद है। ऐसा इसलिए क्योंकि वरिष्ठ अधिकारी ही एडीएम कोर्ट लगा सकते हैं।
विभागों से लेकर जिलों में है अफसरों की मांग
विभागों में बड़े पदों पर काम के लिए अफसरों की मांग पहले की तुलना में बढ़ गई है। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव के सामने हर तीसरे विभाग के लिए विभाग प्रमुखों द्वारा वरिष्ठ अफसरों की मांग की जा रही है। कुछ इसी तरह की मांग जबलपुर, उज्जैन और रीवा जैसे जिलों से भी आ रही है। ये भी पढ़ें: Metro Project: ‘ओरेंज’ और ‘ब्लू लाइन’ के 23 स्टेशनों लिए करना होगा इंतजार 6 महीने में सेवानिवृत्त
सात आइएएस अफसर दिसंबर तक सेवानिवृत्त हो जाएंगे। एसीएस जेएन कंसोटिया अगस्त में, आइएएस राजेश कुमार कौल व सागर संभागायुक्त वीरेंद्र सिंह रावत इसी महीने, उज्जैन संभागायुक्त संजय गुप्ता व माशिमं के सचिव कृष्णदेव त्रिपाठी जुलाई में, केंद्रीय गणना ऑपरेशन की डायरेक्टर भावना वालिम्बे सितंबर में व पीडब्ल्यूडी के उप सचिव नियाजखान अक्टूबर में सेवानिवृत्त होंगे।
राज्य प्रशासनिक सेवा के सोहन कनास, शोभाराम सोलंकी, बिहारी सिंह, पुरुषोत्तम कुमार, अनिल भाना, सुनील शुक्ला, प्रभाशंकर त्रिपाठी, सारस्वत शर्मा, धीरेन्द्र सिंह, राजीव रंजन पांडे, संजीव केशव पांडे, प्रकाश शाक्य, अनिल जैन, शहिद खान, शैलेन्द्र हिनोतिया, वंदना जाट, राजेश शाह, पुष्पा पुशाम, दिलीप पांडे, विजेंद्र पांडे और चंदर सोलंकी आदि को प्रवर श्रेणी वेतनमान मिल चुका है।
इन अफसरों को प्रवर श्रेणी वेतनमान, लेकिन काम छोटे पदों का कर रहे
राज्य प्रशासनिक सेवा के जिन अफसरों की नवीन पदस्थापना की जानी है, उसके लिए कई बिंदुओं को टटोला जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक इसके लिए आइएएस अफसरों की तबादला सूची का इंतजार किया जा रहा है। मंत्रालय के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि पहले कुछ आइएएस अफसरों की नवीन पदस्थापना की जानी है, उसके बाद के पदों पर राज्य प्रशासनिक सेवा के प्रवर श्रेणी वेतनमान पा चुके अफसरों को पदस्थ किया जाएगा।