यह चरण-1 के तहत मौजूदा वनाज-रामवाड़ी कॉरिडोर का विस्तार है। दोनों कॉरिडोर की कुल लंबाई 12.75 किलोमीटर होगी, जिनमें 13 मेट्रो स्टेशन शामिल होंगे, जिसमें 2ए में दो स्टेशन और 2बी में 11 स्टेशन होंगे। ये स्टेशन चांदनी चौक, बावधन, कोथरुड, खराड़ी और वाघोली जैसे तेजी से विकसित हो रहे उपनगरों को मेट्रो से जोड़ेंगे। इस परियोजना को चार वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है।
इस परियोजना की अनुमानित लागत 3626.24 करोड़ रुपये है, जिसे केंद्र सरकार, महाराष्ट्र सरकार और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय एजेंसियों द्वारा संयुक्त रूप से वहन किया जाएगा।
पुणेवासियों को कैसे होगा फायदा?
यह विस्तार पुणे के आईटी हब, वाणिज्यिक क्षेत्रों, शैक्षणिक और आवासीय क्षेत्रों को बेहतर सार्वजनिक परिवहन सुविधा से जोड़ेगा। जिला न्यायालय स्टेशन को मेट्रो की लाइन-1 (निगडी-कात्रज) और लाइन-3 (हिंजवाड़ी-जिला न्यायालय) से जोड़ा जाएगा, जिससे निर्बाध मल्टीमॉडल यात्रा संभव होगी।
मुंबई, बेंगलुरु, अहिल्या नगर और छत्रपति संभाजीनगर से इंटरसिटी बस सेवाओं को सीधे चांदनी चौक और वाघोली से जोड़ा जाएगा, जिससे मेट्रो तक पहुंच और आसान होगी। यह परियोजना पौड रोड और नगर रोड जैसे प्रमुख मार्गों पर यातायात का बोझ कम करेगी। यात्रियों को सुरक्षित, तेज़ और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन विकल्प मिलेंगे।
पुणे मेट्रो रेल परियोजना के दूसरे चरण का क्रियान्वयन महाराष्ट्र मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (महा-मेट्रो) द्वारा किया जाएगा। निर्माण से पहले की गतिविधियां जैसे स्थल सर्वेक्षण और डिजाइन कार्य पहले ही शुरू हो चुके हैं। इस मेट्रो विस्तार के पूरा होने के बाद अनुमान है कि दैनिक सवारियों की संख्या, 2027 में 0.96 लाख, 2037 में 2.01 लाख, 2047 में 2.87 लाख, 2057 में 3.49 लाख तक पहुंच सकती है।