मांगों को लेकर 10 अप्रैल से आंदोलन पर बैठा संत समाज
बता दें, संत समाज 10 अप्रैल से खंडा रोड पर नेशनल हाइवे और गो अभ्यारण्य की मांग के लिए आंदोलन कर रहे हैं। गुरुवार को आंदोलन का आठवां दिन था। धरने पर बैठे 9 संत तीन दिन से अन्न त्यागकर अनशन कर रहे हैं। प्रशासन, एमपीआरडीसी के अधिकारी, भाजपा के पूर्व मंत्री ओपीएस भदौरिया, उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे सहित कांग्रेस के सभी पदाधिकारी संर्तो को आंदोलन स्थिगित करने का निवेदन कर चुके हैं, लेकिन संतों ने स्पष्ट कहा है कि बिना किसी ठोस प्रमाण के इस बार आंदो दो खत्म नहीं करेंगे। संत आर पार की लड़ाई लड़ने अपने मठ-मंदिर से बाहर निकले हैं।
हवन पर मांगी केंद्र सरकार के लिए सदबुद्धि
सुबह संतों ने खंडा रोड पर हवन किया। संतों ने राधे-श्याम और सीता-राम का जाप करते हुए आहुतियां दीं। इस दौरान समाजसेवी और भूतपूर्व सैनिकों ने भी सरकार की सदबुद्धि के लिए प्रार्थना की। शाम को विश्व गीता प्रतिष्ठानम संस्कृत स्वागताय मंडल भिण्ड के सदस्यों ने गीता पाठ किया। देर शाम समाजसेवी बॉबी जैन और नीतेश जैन ने व्यापारियों के साथ गोल मार्केट से खंडा रोड तक मौन जुलूस निकाला। यह भी पढ़े –
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अखिल भारतीय संत समिति जिला अध्यक्ष कालीदास ने बताया कि शनि धाम के महंत संत शिवरामदास त्यागी बाबा ने अखंड आंदोलन को समर्थन दिया। उन्होंने कहा अब संत पीछे नहीं हटेंगे। यह धर्म का कार्य अगर सरकार ने नहीं सुना तो जल्दी ही चंबल संभाग के हजारों संत दिल्ली के लिए कूच करेंगे और सरकार पर हाइवे चौड़ीकरण के लिए दवाब बनाएंगे।
सात घंटे अस्पताल में भर्ती रहे संत
अनशन के दौरान भूख हड़ताल कर रहे दो संतों की दो दिन पूर्व तबीयत बिगड़ी थी। बुधवार को सुबह संत बजरंगदास को घबराहट और चक्कर आने लगे। चिकित्सों की टीम ने उनका परीक्षण कर अस्पताल में भर्ती कराने की सलाह दी। सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक बजरंगदास अस्पताल में भर्ती रहे। आराम मिलने पर वे शाम को दोबारा खंडा रोड स्थित चल रहे अनशन पर पुन: पहुंचे।