जांच में हुआ बड़ा खुलासा खान निदेशक ने अपने स्तर पर कुछ जांच की तो बजरी से भरे वाहनों में बड़े चौकाने वाले खुलासे हुए हैं। मजेदार बात यह कि बजरी व अन्य मिनरल से भरे वाहन मात्र 2 मिनट में ही 40 किलोमीटर की दूरी तय करके पुन: उसे तुलाई केंद्र पर पहुंच रहा जहां से वह निकला था। यह स्थिति भीलवाड़ा जिले में कुछ बजरी माफिया कर रहे हैं। इस तरह का फर्जीवाड़ा जांच में उजागर हुआ है।
जांच में यह भी सामने आईं चौंकाने वाली गड़बड़ियां – बंद खदानों से जारी हुए रवन्ना। – बिना स्टॉक ही कई बार स्टॉक चढ़ाना। – खाली वेब्रिज से भी ई-रवन्ना कन्फर्म करना।
– कैमरा मूवमेंट कर अवैध गतिविधियां होना। इन पर होगी त्वरित कार्रवाई – अवैध स्टॉक चढ़ाने वाले अधिकारी – रवन्ना में अधिक खनिज दर्शाने वाले पट्टाधारी – बिना स्टॉक के रवन्ना जारी करने वाले स्टॉकिस्ट
– विभागीय वेब सिस्टम से सुरक्षा चेक हटाने वाले कर्मचारी अगले 30 दिन विशेष अभियान तंवर ने खनि अभियंताओं को निर्देश दिए गए हैं कि वे अगले 30 दिवस में विशेष अभियान चलाकर अवैध खनन, बकाया वसूली और रवन्ना प्रणाली में अनियमितताओं की ऑनलाइन जांच व प्रतिदिन रिपोर्टिंग सुनिश्चित करें। इसके अलावा पंचनामों में दर्शाई गई राशि के मात्र 2 प्रतिशत से भी कम वसूली बेहद गंभीर विषय है। यह न केवल कार्य के प्रति उदासीनता है, बल्कि अवैध खनन को बढ़ावा देने जैसा कृत्य प्रतीत होता है।
चालू पट्टों पर भ्रम फैलाना भारी पड़ेगा कुछ अधिकारियों के अवैध खनन करते पट्टों को खंडित किए बिना एलआर एक्ट में कार्रवाई करना और उच्चाधिकारियों को भ्रमित करने का मामला सामने आया है। तंवर ने स्पष्ट किया है कि चालू पट्टा पहले खंडित हो, फिर ही एलआर एक्ट में कार्रवाई की जाए। ऐसा करने वाले अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सीटीओ व ईसी से अधिक मात्रा में खनन तंवर ने जांच में पाया कि कई खनन पट्टाधारियों ने अनुमति सीमा से अधिक खनिज का रवन्ना निर्गत किया है। इसकी गहन जांच कर नियमानुसार शास्ति वसूली की कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। यदि कार्रवाई में ढिलाई मिली या किसी प्रकार की अनियमितता सामने आई तो संबंधित अभियंता जिम्मेदार होंगे और उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई तय की जाएगी। इस तरह के मामले भीलवाड़ा जिले में बनास नदी से निकाली जा रही बजरी व चुनाई पत्थरों की खदानों में हो रहा है।