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भीलवाड़ा

सरकार का नवाचार: किसान किसी भी समिति में देख सकेगा अपना हिसाब

भीलवाड़ा की 353 ग्राम सेवा सहकारी समितियां जुड़ेंगी माइक्रो एटीएम से, किसानों को मिलेगी राहत
पेंशन, अनुदान योजना की राशि, पासबुक में एंट्री और बैंक खाते का स्टेटमेंट एक क्लिक पर मिलेगा

भीलवाड़ाJun 25, 2025 / 08:51 am

Suresh Jain

Government's innovation: Farmers will be able to see their accounts in any committee

Government’s innovation: Farmers will be able to see their accounts in any committee

बैंकों की तर्ज पर अब ग्राम सेवा सहकारी समितियों को भी माइक्रो एटीएम से जोड़ने का काम जोर-शोर से चल रहा है। प्रदेश की सभी समितियां एटीएम से जुड़ने के बाद किसान किसी भी समिति से अपना हिसाब किताब देख सकेगा। केंद्रीय सहकारिता मंत्री के अनुसार सहकारिता की रीढ़ ग्राम सेवा सहकारी समितियां हैं उसका स्वरूप बदलने का काम किया जा रहा है। सहकारी समिति का सदस्य किसान कोई भी लेन-देन किसी भी सहकारी समिति से कर सकेगा। ऐसा प्रयास सरकार अपने स्तर पर कर रहे ही। इसमें पेंशन, अनुदान योजना की राशि, पासबुक में एंट्री और अपने बैंक खाते का स्टेटमेंट महज एक क्लिक पर मिल सकेगा।
सहकारिता विभाग की मंशा ग्रामीण अंचल के लोगों तक सहकारिता विभाग, नाबार्ड और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के दिशा-निर्देश पहुंचाना है। इससे ग्रामीण अंचल तक केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाया जा सके। सहकारिता विभाग फसली ऋण के साथ-साथ अन्य ऋण भी देगा। पैक्स कंप्यूटराइजेशन योजना के पहले चरण में भीलवाड़ा जिले में 308 ग्राम सेवा सहकारी समितियों को ऑनलाइन हो चुकी है। शेष 51 को आनलाइन करने का काम किया जा रहा है। गौरतलब है कि प्रदेशभर में 6781 हजार ग्राम सेवा सहकारी समितियां है जिनको प्रथम चरण में पैक्स कंप्यूटराइजेशन से जोड़ते हुए ऑनलाइन किया जा रहा है।
केंद्र करेगा खर्च

इस प्रक्रिया के तहत प्रत्येक सोसायटी पर करीब चार लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। इसके तहत सोसायटी में कंप्यूटर, प्रिंटर और पास बुक एंट्री मशीन, इंटरनेट सिस्टम सहित अन्य जरूरी उपकरण इंस्टॉल कर दिए गए हैं। इन सभी उपकरणों का खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी। इससे बड़ा फायदा नकद लेन-देन में होगा। वहीं नाबार्ड की योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। इससे बैंक गतिविधियों में पारदर्शिता एवं जवाबदेही होगी। अधिकारी भी इस पर नजर रख सकेंगे।
भीलवाड़ा जिले में हैं 359 सहकारी समितियां

जिले की 359 सहकारी समितियां हैं। इनमें 353 में काम लगभग पूरा होने को है। जबकि 308 में काम पूरा हो चुका है। सरकार के आदेशानुसार दस्तावेजों को ऑनलाइन करने का काम अंतिम चरण में है। जिले की सभी समितियां ऑनलाइन होगी। यह काम पूरा होने बाद किसानों को पारदर्शी व्यवस्था उपलब्ध होंगी।
अंतिम चरण में चल रही तैयारी

जिले के करीब 1.50 लाख से अधिक किसानों को राहत देने के लिए ग्राम सेवा सहकारी समितियों को पैक्स कंप्यूटराइजेशन एवं माइक्रो एटीएम से जोड़ा जा रहा है। यह काम पूरा होते ही किसानों को हर सुविधा मिल सकेगी। माइक्रो एटीएम नाबार्ड की ओर से उपलब्ध करवाए जा रहे है।
आलोक चौधरी, प्रबंध निदेशक सीसीबी भीलवाड़ा

सीसीबी चयनित तैयार

  • अजमेर 208 200
  • अलवर 248 247
  • बांसवाड़ा 226 190
  • बारां 123 121
  • बाडमेर 397 335
  • भरतपुर 282 191
  • भीलवाड़ा 359 352
  • बीकानेर 234 232
  • बूंदी 158 158
  • चित्तौड़गढ़ 320 314
  • चूरू 192 192
  • दौसा 178 174
  • डूंगरपुर 134 101
  • हनुमानगढ़ 238 219
  • जयपुर 377 359
  • जैसलमेर 58 51
  • जालोर 187 158
  • झालावाड़ 212 212
  • झुंझुनू 268 241
  • जोधपुर 298 261
  • कोटा 161 157
  • नागौर 324 230
  • पाली 154 148
  • सवाई माधोपुर 221 219
  • सीकर 262 261
  • सिरोही 81 76
  • श्री गंगानगर 334 306
  • टोंक 209 185
  • उदयपुर 338 325
  • कुल 6781 6215

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