अधिकांश स्कूलों में नहीं उपचार की व्यवस्था अधिकांश स्कूलों में प्राथमिक उपचार की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। यदि किसी छात्र को चोट लग जाती है या वह बीमार हो जाता है, तो जिम्मेदारी परिजनों पर डाल दी जाती है। यह व्यवस्था कई बार बच्चों के लिए खतरनाक साबित होती है। राज्य के शिक्षा विभाग और समग्र शिक्षा अभियान (समसा) के बीच इस संबंध में समन्वय स्थापित किया जा रहा है। शिक्षा विभाग राज्य के सभी स्कूलों की संख्या और जरूरतों की जानकारी समसा को देगा। इसके आधार पर फर्स्ट एड किट की आपूर्ति होगी। सरकार के निर्देशों के तहत अब स्कूल की छुट्टी होने के बाद संस्था प्रधान और संबंधित शिक्षकों को हर कक्षा, बरामदे, शौचालय आदि का निरीक्षण करना अनिवार्य होगा। इससे सुनिश्चित हो सके कि स्कूल परिसर में कोई भी बच्चा पीछे न रह जाए।