अवैध खनन के लिए ना कोई नियम न कायदे अवैध खदानों के लिए कोई नियम या कानून लागू नहीं होता है। जिले में अवैध खनन करने वाले लोग पत्थर और अन्य खनिज निकाल कर उसे वैसे ही छोड़ रहे हैं। खनिज विभाग इन पर कार्रवाई नहीं कर पाता। जब वह अवैध खनन नहीं रोक पा रहा तो फिर इन खानों में से अवैध खनन बंद होने पर गहरे गड्ढों को कैसे बंद करवा पाएगा।
जिले में कई जगह है गहरे गड्ढे जिले के लाखोला, रायपुर, करेड़ा, आसींद, जहाजपुर, मांडलगढ़ तथा बिजौलिया क्षेत्र में सरकारी व बिलानाम, चारागाह जमीन पर अवैध खनन होता है। वहां 15 से 20 फीट तक गहरे गड्ढे हैं। बारिश के मौसम में इनमें पानी भरता है, जो कि छोटे तालाब जैसा रूप ले लेता है।
सुरक्षा उपाय जरूरी…..
- – अवैध खदान की पहचान कर बंद कराया जाए। स्थानीय प्रशासन व खनन विभाग मिलकर काम करें।
- – अवैध खदानों के आसपास सुरक्षा बोर्ड या चेतावनी संकेत लगाए जाने चाहिए। इससे लोग दूर रहें।
- – अवैध खदानों के खतरों के बारे में जागरुकता की जरूरत। इससे बच्चों को यहां पहुंचने से रोका जा सकें।
- – अवैध खदानों का नियमित निरीक्षण और निगरानी हो। इससे सुरक्षा उपायों का पालन कर सकें।
- – स्थानीय प्रशासन को अवैध खदानों को बंद करने की जिम्मेदारी दी जानी चाहिए।
नोटिस जारी करेंगे
जो खदान लंबे समय से बंद हैं उसे सुरक्षित कराने के लिए खान मालिक को नोटिस जारी करेंगे। अवैध खनन हो रहा है उनकी पहचान कर कार्रवाई की जाएगी। ग्रामीण क्षेत्रो में जागरुकता अभियान चलाया जाएगा, ताकि इस तरह के हादसे नहीं हो सके।
– प्रवीण अग्रवाल, खनिज अभियंता भीलवाड़ा