बता दें कि मृतक की तलाश में कोतवाली और एसडीआरएफ के जवान परिजनों की मदद से रात भर तलाश में लगे रहे थे। कोतवाली थाने में शिवचरण के पुत्र नरेंद्र उर्फ सोनू ने बुधवार रात रिपोर्ट दी थी। उसमें बताया था कि मेरे पिताजी शिवचरण गोरण (52) नगर निगम में सफाई कर्मचारी हैं। उनको शाम 7:30 बजे कावाखेड़ा शराब के ठेके के पास देखा था। मैने उन्हें घर चलने को कहा तो उन्होंने मना कर दिया था, फिर मैं वहां से चला गया।
आसपास की तलाशी
रात नौ बजे तक घर पर नहीं आए, हमने आसपास तलाश की तो नहीं मिले। मोहल्ले के लोगों ने बताया कि वह घर पर आने के लिए नाले को क्रॉस करने का प्रयास कर रहे थे, संभवत उसमें बह गए। कोतवाली पुलिस ने पुत्र की रिपोर्ट के आधार पर गोरण की तलाश शुरू की। वाल्मिकी समाज के युवा भी तलाशी मुहिम में जुट गए। देर रात तक सभी शिवचरण की तलाश में लगे रहे। वहीं, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
इसी दौरान लोगों ने बताया कि पानी से लबालब कांवाखेड़ा की पुलिया को शिवचरण पार करते नजर आया था, इस पर उन्होंने शिवचरण को रोकने का प्रयास भी किया, लेकिन वह नहीं माना। तलाशी अभियान गुरुवार सुबह फिर शुरू हुआ। इसी दौरान कांवाखेड़ा नाले से करीब सात सौ मीटर की दूरी पर शास्त्रीनगर से गुजर रहे नाले में गुरुवार सुबह आठ बजे शव नजर आया।
अथक प्रयास के बाद शव बाहर निकाला
आपदा प्रबंधन की टीम ने अथक प्रयास कर शव को बाहर निकाला। शव को बाद में महात्मा गांधी चिकित्सालय के मोर्चरी में ले जाया गया। यहां पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। मोर्चरी के बाहर ही वाल्मिकी समाज के लोगों ने मृतक आश्रित परिजनों को मुआवजा दिए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन भी किया।