अब एनआईए कोर्ट से सशर्त जमानत मिलने के बाद दोनो नन जेल से बाहर आ गई हैं। शनिवार को वे भारी सुरक्षा बल के घेरे में दुर्ग सेंट्रल जेल के महिला बंदी गृह से बाहर निकलीं लंबी सांसे ली। इधर दरवाजे पर खड़े केरल से आए वहां के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राजीव चेद्रशेखर और अन्य पार्टी के प्रतिनिधियों ने उनका अभिवादन किया।
Nun Arrest Case: जमानत मिलने पर केरल से लेने आए नेता
शनिवार को केरल से बीजेपी अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर, उपाध्यक्ष शॉन जॉर्ज, सीपीआई नेता जॉन विटार्स, संदोज कुमार समेत अन्य प्रतिनिधि दुर्ग सेंट्रल जेल पहुंचे। जहां सुबह अलग-अलगल समय में महिला बंदी गृह में जाकर नन वंदना और प्रीति से मुलाकात भी की। बीजेपी उपाध्यक्ष जॉर्ज सुखवन मंडावी से भी मिले। उन्हें जमानत मिलने की जानकारी दी। कोर्ट से जेल को
जमानत के लिए पत्र मिलने की सूचना पर केरल से आए नेता फिर जेल पहुंचे। शाम करीब 4 बजे दोनों आरोपी नन और आदिवासी पासटर मंडावी को जेल निकाला गया। केरल प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष ने उन्हें अपनी गाड़ी में बैठाया। सीधे दुर्ग स्थित विश्वदीप स्कूल के चर्च ले गए। जहां दोनों नन को शाल ओढ़ाकर और बुके भेंट कर स्वागत किया गया । इसके बाद करीब 5.30 बजे वहां से रवाना हो गए।
9वें दिन कोर्ट सेमिली जमानत
दोनों नन 25 जुलाई से जेल में बंद थी। इधर केरल की मीडिया के साथ आया केरल का प्रतिनिधि मंडल ने दुर्ग में डेरा डाला था। उनका रोज सेंट्रल जेल आने जाने का सिलसिला चलता रहा। उन्होंने जेल में बंद दोनों नन की तबियत खराब होने की बात कही और जेल प्रशासन पर उन्हें जमीन में सुलाने का आरोप लगाया था। जानिए क्या है मामला
25 जुलाई को दुर्ग रेलवे स्टेशन पर आदिवासी युवक सुखवन मंडावी
नारायणपुर की तीन लड़कियों को लेकर पहुंचा। उनके पास टिकट नहीं था। रेलवे स्टेशन पर टीसी ने चेकिंग के दौरान पकड़ लिया। इधर आगरा और शहडोल से नन वंदना फ्रांसिस और प्रीति मेरी ऑटो से स्टेशन पहुंची। इसकी भनक बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को लगी। वे स्टेशन पहुंचे और उनसे पूछताछ की।
मामला संदिग्ध लगने पर जीआरपी पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने पूछताछ की। मामला संदिग्ध होने पर तीनों के खिलाफ मानव तस्करी और धर्म परिवर्तन का प्रकरण दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया। यह मामला केरल में तुल पकड़ लिया। संसद तक इसकी गूंज हुई।