scriptEducation Department: सोहन की मार्कशीट में मोहन का नाम, स्कूल और ग्रेड गलत, 5वीं-8वीं की 8,000 मार्कशीट बर्बाद | Mohan's name, school and grade wrong in Sohan's marksheet | Patrika News
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Education Department: सोहन की मार्कशीट में मोहन का नाम, स्कूल और ग्रेड गलत, 5वीं-8वीं की 8,000 मार्कशीट बर्बाद

Education Department: शिक्षा जिला विभाग के माध्यम से अंकसूची स्कूलों को प्रेषित करनी थी, पर जैसे ही स्कूलों को अंकसूची मिली उसे देखकर शिक्षक और प्रधान पाठकों का टेंशन बढ़ गया।

भिलाईJun 06, 2025 / 12:44 pm

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Education Department: सोहन की मार्कशीट में मोहन का नाम, स्कूल और ग्रेड गलत, 5वीं-8वीं की 8,000 मार्कशीट बर्बाद

5वीं-8वीं की केंद्रीयकृत परीक्षा की मार्कशीट में ढेरों खामियां (photo Patrika)

Education Department: इस साल पहली बार हुई 5वीं-8वीं की केंद्रीयकृत परीक्षा की मार्कशीट में ढेरों खामियां है, जो जिला शिक्षा विभाग की लापरवाहियां उजागर कर रही हैं। हजारों छात्र-छात्राओं की मार्कशीट में गलत जानकारियां छापकर स्कूल भेज दी गईं। ये मार्कशीट अब स्कूलों द्वारा वापस भेजी जा रही हैं।

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इन दोनों कक्षाओं की परीक्षा खत्म होने के बाद 30 अपैल तक शिक्षा जिला विभाग के माध्यम से अंकसूची स्कूलों को प्रेषित करनी थी, पर जैसे ही स्कूलों को अंकसूची मिली उसे देखकर शिक्षक और प्रधान पाठकों का टेंशन बढ़ गया। अधिकतर मार्कशीट में बच्चों के रोलनंबर, उनका नाम, पिता का नाम सरीखी जानकारियां गलत थीं। ऐसा हालात तब बने, जब शिक्षा विभाग की ओर से पहले ही स्कूलों से बच्चों की सटीक जानकारियां मांगी गई थी। सही जानकारी मिलने के बाद भी टंकन त्रृटियाें को अंजाम दिया गया।
हर मार्कशीट में गलत ग्रेडिंग, क्या है मामला

मार्कशीट में गलतियां वाली करीब 6 हजार मार्कशीट हैं, जिसे स्कूलों ने विभाग को वापस भेज दिया है। बताया जा रहा है कि, मार्कशीट में ससंज्ञानात्मक ग्रेडिंग गलत दी गई है। स्कूलों को जांच के लिए विभाग ने जो बुकलेट भेजी थी, उसमें बताई गई जानकारी और प्रिंटिंग के बाद मिली मार्कशीट में दी गई जानकारी बिल्कुल अलग है। मार्कशीट में दाखिल और खारिज नंबर में भी खामियां है।
मार्कशीट में हिंदी की जगह अंग्रेजी माध्यम स्कूल प्रिंट कर दिया गया है। स्कूलों का कहना है कि, कक्षा 5वीं और 8वीं की बोर्ड परीक्षाएं 10 मार्च को समाप्त हो गई। इसके बाद शिक्षकों ने 10 अप्रैल तक उत्तरपुस्तिका जांचकर विभाग को सौंप दी। इसके बाद जिला शिक्षा विभाग ने 5 मई को रिजल्ट वेरीफाई करने बुकलेट स्कूलों को भिजवाए।
इसमें भी कई गलतियां थीं, जिसे शिक्षकों ने सुधारकर भेजा। इसके बाद विभाग ने दोबारा रिजल्ट बुकलेट भिजवाई, जिसे फिर से वेरीफाई करने को बोला। उसमें भी खामियां सामने आई। 30 मई को संकुल को मिली मार्कशीट में भी गलतियां मिली, जिसके बाद भी कई स्कूलों ने इसे ऐसे ही बच्चों को वितरित कर दिया, जबकि कुछ शिक्षकों ने अपनी जिमेदारी समझी और मार्कशीट विभाग को दुरुस्त करने लौटा दी। इसके बाद से अब तक स्कूलों को नई वेबसाइट नहीं मिली।
वेरीफाई किए बिना गलत प्रिंटिंग

स्कूलों ने बच्चों को जो ग्रेडिंग दी है, वह ग्रेडिंग उनकी मार्कशीट में छापी ही नहीं गई, बल्कि इस अपने मन मुताबिक कुछ भी ग्रेड दे दिए। ऐसा तब हुआ जब शिक्षकों ने तमाम जानकारी गूगल लिंक से भेजी। जिसे विभाग ने अपडेट किए बिना ही हजारों मार्कशीट छाप दी। शिक्षा विभाग की इस घोर लापरवाही के चलते स्कूलों के शिक्षक त्रस्त हो चुके हैं। अभी बच्चों को अगली कक्षा में एडमिशन लेना है, मगर उनके पास सही मार्कशीट नहीं है।
कुछ बच्चे स्कूल बदलने की तैयारी में है, लेकिन बिना मार्कशीट के यह भी मुमकिन नहीं हो पाएगा। बताया जा रहा है कि सॉटवेयर में गड़बड़ी के चलते यह समस्या बढ़ गई है, जिसे जिला शिक्षा विभाग ने सही कराए बिना ही टेबुलेशन पूरा करवा दिया। जिससे करीब ६ हजार गलत मार्कशीट बर्बाद हो गई और सरकारी पैसों को पानी मेंबहाया गया।
बेसिक जानकारियां ही गलत छापीं

जानकारी के अनुसार छात्र-छात्राओं की मार्कशीट जब स्कूलों में पहुंची तो पता चला की इसमें छात्रों के नाम में काफी त्रुटि है। यही नहीं उनके रोल नंबर, पिता का नाम, खेल कूद समेत अन्य चीजों में मिलने वाले ग्रेड, जन्म तिथि, शाला प्रवेश क्रमांक में त्रुटि है। जिसके बाद जिले के स्कूलों ने त्रुटि सुधार के फार्म भरकर वापस कार्यालय को मार्कशीट भेज दिया है।
नवोदय में चयन, मार्कशीट ही नहीं

जिले के बहुत से छात्रा-छात्राओं का नवोदय स्कूल में सलेक्शन हो गया है, लेकिन अबतक मार्कशीट नहीं मिलने की वजह से नवोदय प्रवेश की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई। इसके अलावा कई बच्चे अन्य स्कूलों का रुख करेंगे, ऐसे में उनकी मार्कशीट नहीं मिलने से उनके भी एडमिशन अटक गए। कई सारी स्कॉलरशिप के लिए भी बच्चों के आवेदन पेंडिंग हो गए।
मार्कशीट में हुई गलतियाें को दुरस्त कराने कहा है। हतेभर में नई मार्कशीट छात्रों को मिलेंगी। मार्कशीट में त्रुटियां तकनीकी कारण से हुई है। जल्द से जल्द इसको ठीक करवा लेंगे।

-अरविंद मिश्रा, डीईओ, दुर्ग

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