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विद्यार्थी 100 से 200 रुपए तक बचा सकेंगे। उन्हें एक बार में 10 कॉलेजों का चुनाव करना होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत होने वाली पढ़ाई और परीक्षा के लिए कॉलेजों में दाखिले के लिए प्रथम चरण के ऑनलाइन फार्म 5 जून से शुरू हो गए हैं। फार्म 15 जून तक भरे जाएंगे। इसके बाद 16 जून को पहली मेरिट सूची घोषित होगी। इस सूची में जिन विद्यार्थियों का नाम आएगा, उनको 16 से 20 जून तक कॉलेज पहुंचकर एडमिशन पक्का करना होगा।
सबके लिए खुला विकल्प होमसाइंस दुर्ग कन्या महाविद्यालय सहित दुर्ग संभाग के ऐसे कॉलेज जहां बीएससी होम साइंस विषय संचालित है, उनमें किसी भी संकाय की छात्रा प्रवेश के लिए पात्र होंगे। कक्षा 12 वीं में कला और वाणिज्य के विद्यार्थी बीएससी का होम साइंस पढ़ सकेंगे।
एनसीसी, एनएसएस, खेलकूद के अंक ऐसे छात्र-छात्राएं जिन्होंने स्कूल के दौरान एनएसएस, एनसीसी या स्काउड में भाग लिया है, उनको भी कॉलेज में नियमित प्रवेश के दौरान प्राथमिकता मिलती है। एनएसएस, एनसीसी का ए सर्टिफिकेट होने पर 2 फीसदी अंक के बराबर अधिभार मिलेगा। वहीं सी सर्टिफिकेट प्राप्त छात्रों को 4 फीसदी अंकों के बराबर मेरिट में फायदा होगा। सर्वश्रेष्ठ एनसीसी कैडेट को 10 फीसदी का लाभ मिलेगा। गणतंत्र दिवस परेड में शामिल हुए बच्चों को भी प्रवेश के दौरान बनने वाली मेरिट सूची में 5 फीसदी का वेटेज दिया जाएगा। इसी तरह लोक शिक्षण संचालनालय या जिला व राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन करने वाले छात्रों को भी 2 से 15 फीसदी अंक मिलेंगे।
अब उम्र का बंधन समाप्त नई शिक्षा नीति के तहत इस शैक्षणिक सत्र से कॉलेज में नियमित दाखिले के लिए आयु सीमा का बंधन हटा दिया गया है। सबसे खास बात यह है कि दुर्ग संभाग के शासकीय कॉलेजों में सबसे पहले छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों को प्रवेश मिलेगा। जिन कॉलेजों में मूल निवासियों को प्रवेश देने के बाद यदि रिक्त सीटें बचेंगी तब ही बाहरी राज्यों से आए छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा।
भले ही बाहरी राज्यों से आए छात्रों के अंक अधिक हो, लेकिन फिर भी उन्हें बाद में मौके मिलेंगे। डुप्लीकेट टीसी से कॉलेजों में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। अलावा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के पुत्र-पुत्रियों, पौत्रा-पौत्री, नाती और नातिन के लिए सभी कॉलेजों में ३ फीसदी सीटें आरक्षित रखी जाएंगी। इसके साथ निशक्त श्रेणी के विद्यार्थियों के लिए कॉलेजों में ५ फीसदी सीटें आरक्षित रखी जाएंगी।